कोरोना वायरस के बाद अब Chapare virus का खतरा, जानें इसके बारे में सबकुछ

Nov 19, 2020, 16:05 IST

चैपर वायरस साल 2004 में बोलीविया के चैपर में मिला था. हालांकि ये वायरस कुछ समय में गायब हो गया था. 

Chapare virus Explained: What is this rare Ebola-like virus in Hindi
Chapare virus Explained: What is this rare Ebola-like virus in Hindi

कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के बाद अब चैपर वायरस (Chapare virus) की आहट ने सबको चौंका दिया है. हाल ही में अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने बोलीविया में एक दुर्लभ वायरस की खोज की है. 

कोरोना वायरस को दुनिया में आए एक साल हो चुके हैं, फिर भी अबतक इसका कोई कारगर इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. लेकिन इसी बीच दुनिया पर एक और वायरस का खतरा मंडराने लगा है. इस वायरस का नाम चैपर वायरस बताया जा रहा है.

इबोला जैसे हैं लक्षण: एक नजर में

यह वायरस के एक परिवार से संबंधित है, जो इबोला जैसे रक्‍तस्रावी बुखार पैदा कर सकता है. ये वायरस इबोला वायरस (Ebola Virus) की तरह ही है, लेकिन थोड़ा सा अलग. इसके लक्षण भी लगभग वही हैं. ये इंसानों से इंसानों में फैलता है, जिसकी वजह से ये कहीं ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है.

चैपर वायरस के बारे में जानें सबकुछ

चैपर वायरस साल 2004 में बोलीविया के चैपर में मिला था. हालांकि ये वायरस कुछ समय में गायब हो गया था. लेकिन पिछले साल फिर से ये सामने आया और पांच लोगों में इसके संक्रमण मिले. साल 2019 में ये वायरस जब दोबोरा लौटा तो तीन स्वास्थ्य कर्मियों समेत पांच लोग इससे संक्रमित हुए, जिसमें से दो की मौत हो गई.

इस वायरस को पिछले साल डेंगू, पीले बुखार और अन्य बीमारियों के वायरस से मिलाया गया. लेकिन इसकी पहचान ही नहीं हो पा रही थी. इस वायरस की पहचान अब जाकर पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने की है, जो सीडीसी से जुड़ा है. इस वायरस की पहचान के लिए सीडीसी ने आरटी-पीसीआर टेस्ट विकसित किया है.

चैपर वायरस के लक्षण

चैपर वायरस के संक्रमण की स्थिति में वायरस जनित अन्य रोगों की तरह के ही कुछ लक्षण जैसे बुखार, शरीर में दर्द, उल्टी, खून मिश्रित बलगम, स्किन पर रसेस जैसी दिक्कतें होती हैं. इस साल अभी तक इसका एक भी नया मामला सामने नहीं आया है. ये वायरस जानलेवा है.

ये वायरस कैसे फैलता है

ये वायरस मानव से मानव में फैलता है. ये मानव शरीर में 24 सप्ताह तक रह सकता है. चैपर वायरस से प्रभावित व्यक्ति के घर के पास एक चूहा भी इस वायरस से ग्रसित मिला था. हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि इस बीमारी का वाहक वो चूहा था.

इस वायरस को साल 2003 में पहली बार चिन्हित किया गया

इस वायरस को साल 2003 में पहली बार बोलीविया में चिन्हित किया गया. बोलीविया में पहली बार चैपर वायरस से संक्रमित मरीज सामने आए. साल 2004 में ला पाज से 370 मील पूर्व में चैपर क्षेत्र में वायरस का प्रसार हुआ था. इसलिए इसका नाम चैपर पड़ गया.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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