केंद्र सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे, यह सुझाव राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को दिया. राजस्थान हाई कोर्ट इस मामले में एक याचिका की सुनवाई कर रहा था. वर्तमान में रॉयल बेंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है.
राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर के पास स्थित हिंगोनिया गोशाला के लचर प्रबंधन के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस मामले में न्यायाधीश महेश शर्मा की पीठ सुनवाई कर रही थी. हिंगोनिया गौशाला में पूर्व में 500 गायों के मरने की जानकारी मिली थी.
सामाजिक संगठन द्वारा दायर की गई याचिका में गोशाला में गायों की मौतों और उनकी दुर्दशा पर सवाल उठाए गए थे. वहां के कुप्रबंधन के खिलाफ की गई याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणियां की.
हाई कोर्ट ने अधिकारीयों को निर्देश दिया कि वे गौशालाओं पर हर तीन महीने पर रिपोर्ट तैयार करें. हर महीने दौरा करके हालात भी चेक करें.
वन विभाग को निर्देशित किया गया है कि गौशालाओं में हर साल 5 हजार पोधों का वृक्षारोपण किया जाए.
गोवध पर उम्रकैद-
- राजस्थान हाई कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि गोवध पर सजा को बढ़ाना चाहिए और इस सजा उम्रकैद तक किया जानी जाना चाहिए.
- वर्तमान में राज्य में ऐसे मामलों में सजा का तीन साल का प्रावधान है.
टिप्पणी-
- पशु मंडियों में वध हेतु जानवरों की खरीद-बिक्री पर केंद्र सरकार के बैन के बाद हाई कोर्ट का यह फैसला अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. केंद्र सरकार के फैसले पर मद्रास हाई कोर्ट ने चार हफ्ते की रोक लगा दी है. पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में विरोध भी किया जा रहा है.
- आईआईटी मद्रास में भी विरोध प्रदर्शन हुआ. वहां पर बीफ फेस्ट के आयोजन के बाद एक छात्र की जमकर पिटाई कर दी गई. डीएमके ने 300 कार्यकर्ताओं के साथ बीफ बैन के विरोध में प्रदर्शन किया.
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