रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सितम्बर 2017 गोवा से भारतीय नौ सेना के पोत वाहक जहाज तरिणी (आईएनएसवी तरणी) को झंडी दिखाकर रवाना किया. गोवा के आईएनएस मंडोवी नौका पूल से रवाना किए गए इस पोत की विशेषता यह है कि इसमें सभी महिला क्रू शामिल है.
पहली बार भारतीय नौसेना के पोत वाहक जहाज आईएनएसवी तरिणी पूरे संसार की जल यात्रा के लिए चालक दल की सभी महिला सदस्यों के नेतृत्व में निकला है. समुद्री यात्रा की समाप्ति पर इस जहाज के अप्रैल, 2018 में वापस गोवा लौटने की संभावना है.
यह अभियान पांच चरणों में पूरा किया जाएगा. जहाज आईएनएसवी तरिणी आस्ट्रेलिया के फ्रीमेनटेली, न्यूजीलैंड लाइटलेटन, पोर्टसिडनी के फॉक्लेंड्स और दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन आदि चार बंदरगाहों पर रूकेगा.
समुद्र अभियान-
- वर्ष 1988 में ‘समुद्र अभियान के साथ’ इसका शुभारंभ हुआ.
- इस ऐतिहासिक समुद्र यात्रा की शुरूआत पहली बार अकेले कैप्टन दिलीप डोंडे (सेवानिवृत्त) ने की.
- इसके साथ कमांडर अभिलाष डोमी ने संसार की जलयात्रा में नौराष्ट्रों को जलमार्ग के जरिए बिना रूके साहस के साथ पूरा किया.
- समुद्र यात्रा के दौरान यह चालक दल गहरे समुद्र में प्रदूषण की जांच करेगा.
- इस संबंध में रिपोर्ट देगा, समुद्री सेलिंग को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न बंदरगाह पड़ावों पर स्थानीय पी.आई.ओ. के साथ व्यापक विचार-विमर्श भी करेगा.
- इस दौरान यह साहसिक दल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमबी) को मौसम के पूर्वानुमान की सही जानकारी प्रदान करने के लिए मौसम विज्ञान/समुद्री/लहरों के बारे में नियमित रूप से आंकड़े इकट्टा करेगा और उन्हें लगातार नवीन जानकारी भी उपलब्ध कराएगा.
रक्षा मंत्री के अनुसार यह दिन ऐतिहासिक दिवस है. यह विश्व के नौपरिवहन इतिहास में दर्ज होगा आज विश्व के समक्ष हमारी महिलाएं उस कार्य का संचालन कर रही है जिसके बारे में विश्व की अधिकतर नौसेना सोच भी नहीं पाती है. यह महिला सशक्तिकरण-‘‘नारी शक्ति’’ दिशा में किए जा रहे सरकार के प्रयासों का प्रतिबिंब है.
आईएनएसवी तरिणी-
- आईएनएसवी तरिणी स्वदेशी तकनीक से बना 55 फुट का जलयान है.
- इस जलयान को इसी वर्ष के आरंभ में भारतीय नौ सेना में शामिल किया गया.
- विश्व के फॉरम पर यह ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल को प्रदर्शित करता है.
- आईएनएसवी तरिणी के दल में कप्तान लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी एवं क्रू सदस्यों में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी. स्वाति, लेफ्टिनेंट एस. विजयादेवी, लेफ्टिनेंट बी. ऐश्वर्या एवं लेफ्टिनेंट पायल गुप्ता शामिल हैं.
उद्देश्य व विषय-
- इस अभियान का विषय ‘नाविका सागर परिक्रमा’ रखा गया. यह महिलाओं का उनकी अंतनिर्हित शक्ति के जरिए सशक्तिकरण किए जाने की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप है. इसका उद्देश्य भारत में महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण और सोच में बदलाव लाना है.
- समुद्री यात्रा में पर्यावरण हितैषी गैर परपंरागत ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. इस अभियान का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना भी है.
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