पुर्तगाल के सांसद ड्यूआर्टे पचेको को वर्ष 2020-2023 के लिए IPU - इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन का नया अध्यक्ष चुना गया है.
भारतीय संसद की लोक सभा के अध्यक्ष, ओम बिरला ने इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर ड्यूआर्टे पचेको को अपनी शुभकामनाएं दी हैं और यह कहा है कि, लोकतंत्र, सर्वसम्मति के निर्माण, कानून के शासन, और बहुपक्षवाद के आदर्शों में उनका विश्वास बदलते समय के साथ अधिक केंद्रित और मजबूत IPU बनाने में मदद करेगा.
IPU अध्यक्ष के चयन के लिए चुनाव प्रक्रिया दूरस्थ इलेक्ट्रॉनिक गुप्त मतदान के माध्यम से हुई, जिसमें वोट डालने के लिए 24 घंटे की समय सीमा (विंडो) निर्धारित थी. इस चुनाव के दौरान, स्विट्जरलैंड से लॉरेंस फेहलमैन राइले और उरुग्वे के बीट्रीज अरगिमन को भी सर्वसम्मति से IPU की कार्यकारी समिति के लिए चुना गया है.
IPU अध्यक्ष की भूमिका क्या है?
इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन (IPU) का अध्यक्ष इस संगठन का राजनीतिक प्रमुख होता है और इस संगठन की समस्त गतिविधियों को निर्देशित करता है और इसकी सभी बैठकों की अध्यक्षता करने के साथ-साथ वैश्विक आयोजनों और समारोहों में IPU के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होता है.
IPU अध्यक्ष को केवल 3 वर्ष के लिए IPU की गवर्निंग काउंसिल द्वारा चुना जाता है जोकि इस संगठन का निर्णय लेने वाला एक प्रशासनिक निकाय है.
IPU गवर्निंग काउंसिल ने अपना कामकाज फिर किया शुरू
IPU अध्यक्ष के चुनाव के साथ-साथ निर्णय लेने और संगठन के कामकाज से संबंधित मुद्दों पर आगे चर्चा करने के लिए इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन की गवर्निंग काउंसिल के 206वें सत्र को 01 नवंबर से 4 नवंबर, 2020 तक आयोजित किया गया है. इसमें IPU बजट को लागू करना और वर्ष 2021 के कामकाज का कार्यक्रम शामिल है.
ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष और संसद सदस्य स्वपन दासगुप्ता और पूनमबेन हेमतभाई मादम के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भी इस बैठक में भाग लिया और एक सुरक्षित डिजिटल मतदान प्रणाली के माध्यम से अपने वोट डाले.
इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन के बारे में
IPU जिसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है, राष्ट्रीय संसदों का एक वैश्विक संगठन है. IPU की स्थापना वर्ष, 1889 में दुनिया के पहले बहुपक्षीय राजनीतिक संगठन के तौर पर की गई थी, जिसका उद्देश्य सभी राष्ट्रों के बीच संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित करना था.
इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन लोकतंत्र को बढ़ावा देती है और संसद को युवा, मजबूत, लिंग-संतुलित और अधिक विविध बनाने में मदद करती है. वर्तमान में, IPU में 13 क्षेत्रीय संसदीय निकाय और 179 राष्ट्रीय संसदों के सदस्य शामिल हैं.
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