विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार सिगरेट या तंबाकू पीने से प्रतिवर्ष मौतें 60 लाख से बढ़कर 80 लाख लोग सालाना तक हो जाएगी.
द इकोनॉमिक्स ऑफ टोबैको एंड टोबैको कंट्रोल के अनुसार, तंबाकू उद्योग और इसके घातक उत्पाद स्वास्थ्य व्यय और उत्पादकता में कमी करने के साथ ही दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाते हैं.
वर्ष 2013-2014 में, वैश्विक तंबाकू उत्पाद ने सरकार के राजस्व में लगभग 269 बिलियन डॉलर शुल्क करों के माध्यम से जमा कराये जबकि मात्र 1 अरब डॉलर को तंबाकू नियंत्रण में निवेश किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि तंबाकू नियंत्रण अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान नहीं पहुंचाता.
रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि सिगरेट पीने से वर्ष 2030 आने तक विश्वभर के लगभग एक-तिहाई से ज्यादा लोग मारे जाएंगे.
रिपोर्ट के अनुसार इन मौतों में से 80% उन देशों में होंगी जो कम आय समूह या मध्यम आय समूह में आते हैं.
अध्ययन का अनुमान है कि 80% से ज्यादा तंबाकू का सेवन कम आय समूह या फिर मध्यम आय समूह वाले देशों में होता है और विश्वभर में भी सिगरेट पीने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. विश्वभर में तंबाकू संबंधित बीमारियों के चलते लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर हेल्थ केयर पर खर्च हो जाता है.
तम्बाकू प्रयोग को कम करने के लिए तंबाकू उद्योग विपणन गतिविधियों पर रोक लगाना भी एक महत्वपूर्ण कदम है; प्रमुख सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी के लेबल तथा धूम्रपान मुक्त नीतियों और नशा मुक्त केंद्र भी अत्यधिक सहायक हैं.
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