देश के विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने हेतु ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान’ शुरू किया गया है. यह 18 दिनों तक चलने वाला अभियान है जो 28 फरवरी 2020 तक जारी रहेगा. इस अभियान का उद्देश्य विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देना है.
एक भारत श्रेष्ठ भारत के एजेंडे के अनुसार, भारत के लिए एक राष्ट्र की अवधारणा सांस्कृतिक विविधता पर आधारित है. इस अभियान का उद्देश्य देश की जनता के बीच भावनात्मक एकता के परम्परागत ताने-बाने को और मजबूत बनाना है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की समृद्ध संस्कृति तथा विरासत, खान-पान, हस्तकलाओं और रीति-रीवाजों को प्रदर्शित करना है.
इस अभियान के अंतर्गत सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने हेतु दो अलग-अलग राज्यों को जोड़ीदार बनाया गया है. जम्मू-कश्मीर राज्य को तमिलनाडु के साथ, पंजाब को आंध्र प्रदेश के साथ, उत्तराखंड़ को कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश को केरल, दिल्ली को सिक्किम और राजस्थान को असम के साथ जोडा़ गया है.
सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य, देश में आंतरिक रूप से व्याप्त सांस्कृतिक अंतर को पाटकर अलग-अलग राज्यों के लोगों के बीच आपसी अंतःक्रिया को बढ़ावा देना है. |
उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के बीच गहरे रचनात्मक संपर्कों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देना है. यह राष्ट्र की मजबूती और एकता का एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा. साथ ही, यह भारतीय शासन के संघीय ढांचे को भी मजबूती प्रदान करेगा. यह अभियान देश की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को पहचानने और उजागर करने में भी मदद करेगा.
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पृष्ठभूमि
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’, एक प्रभावशाली योजना है. यह योजना भारत सरकार द्वारा शुरु की गयी हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर 2015, सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस) पर इस पहल को शुरु करने की घोषणा की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मौजूदा सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में एकता को बढ़ावा देना हैं.
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