भारत की लाहौल घाटी में पहली बार की गई हींग की खेती

Oct 21, 2020, 16:30 IST

हींग भारतीय व्यंजनों में बहुत अधिक उपयोग किए जाने वाले मसालों में से एक है, लेकिन देश में इस मसाले का उत्पादन नहीं किया जाता है. भारत सालाना लगभग 1200 टन कच्ची हींग का आयात अफगानिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान से करता है.

First-ever Heeng cultivation undertaken in India's Lahaul valley in Hindi
First-ever Heeng cultivation undertaken in India's Lahaul valley in Hindi

भारत ने इस मसाले के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए और इसके आयात पर अंकुश लगाने के लिए पहली बार हींग की खेती की.

हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति घाटी के ठंडे और शुष्क क्षेत्र में पहला हींग (फेरूला हींग) वृक्षारोपण किया गया था. यह वृक्षारोपण CSIR-IHBT के निदेशक, डॉ. संजय कुमार द्वारा किया गया था.

हींग भारतीय व्यंजनों में बहुत अधिक उपयोग किए जाने वाले मसालों में से एक है, लेकिन देश में इस मसाले का उत्पादन नहीं किया जाता है. भारत सालाना लगभग 1200 टन कच्ची हींग का आयात अफगानिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान से करता है.

मुख्य विशेषताएं

CSIR इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरसोर्स टेक्नोलॉजी (CSIR-IHBT) ने नेशनल प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज (NBPGR), नई दिल्ली के माध्यम से ईरान से प्राप्त किये गये हींग के 06 एक्सेशन की खेती की शुरुआत की है. इसने आगे भारतीय परिस्थितियों में अपने उत्पादन प्रोटोकॉल को मानकीकृत किया है.

हिमाचल प्रदेश में लाहौल घाटी के किसानों ने हींग की खेती की है, जिसका मुख्य कारण हिमालयन बायोरसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT) संस्थान का प्रयास है.

वे हींग की खेती करने के लिए क्षेत्र के दूरदराज के ठंडे रेगिस्तान की स्थितियों में विशाल बंजर भूमि का उपयोग कर रहे हैं.

हींग की पहली रोपाई 15 अक्टूबर, 2020 को लाहौल घाटी के क्वारिंग गांव में की गई है ताकि भारत में इसकी खेती शुरू की जा सके.

हींग क्या है?

हींग (हिंग) अम्बेल्लिफेराए परिवार का एक शाकाहारी पौधा है. यह एक बारहमासी पौधा है और वृक्षारोपण के पांच साल बाद इसकी मोटी जड़ों से ओलियो-गम राल का उत्पादन होता है. यह मसाला भारतीय पाक कला का अभिन्न हिस्सा है.

सामान्यतः हींग की खेती कहां की जाती है?

हींग को ठंडे और सूखे रेगिस्तानी क्षेत्रों में उगाया जा सकता है. इसकी खेती आमतौर पर, ईरान और अफगानिस्तान में ही होती है, जो मुख्य वैश्विक आपूर्तिकर्ता है. यह मसाला आमतौर पर सूखे और ठंडे रेगिस्तान में ही उगाया जा सकता है.

हींग की खेती के लाभ

भारत में हींग की खेती से इस के आयात पर भारत की निर्भरता कम होगी. भारत आमतौर पर, हींग के आयात के लिए प्रति वर्ष लगभग 100 मिलियन डॉलर खर्च करता है. वर्ष 2019 में, देश ने अफगानिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान से लगभग 942 करोड़ रुपये में तकरीबन 1500 टन कच्ची हींग का आयात किया था.

पृष्ठभूमि

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने जून, 2020 में हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे. आने वाले पांच वर्षों में इस परियोजना को संयुक्त रूप से इस राज्य में आगे बढ़ाया जाएगा.

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News