ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने ईबे इंडिया के साथ विलय किया है. विलय के बाद इबे और फ्लिपकार्ट समूह कंपनी अब एक होंगी. फ्लिपकार्ट समूह ने इस डील की घोषणा अप्रैल माह में की.
इससे पूर्व फ्लिपकार्ट समूह ने वैश्विक तकनीक की प्रमुख कंपनियों ईबे, टेनेंट और माइक्रोसॉफ्ट से 1.4 अरब डॉलर की कमाई की. फ्लिपकार्ट में इक्विटी स्टेक के ट्रांसफर के लिए इबे ने 50 करोड़ डॉलर का नकद निवेश कर अपने बिजनेस को फ्लिपकार्ट को बेचा है.
इस विलय से एक दिन पूर्व ही स्नैपडील ने अपने बिजनेस को फ्लिपकार्ट को बेचने से मना कर दिया. स्नैपडील के अनुसार दोनों पिछले 5 महीनों से विलय को लेकर बातचीत कर रहे थे.
फ्लिपकार्ट के अनुसार फ्लिपकार्ट कंपनी ईबे को ऑपरेट करेगी. साथ ही ईबे एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर काम करेगी. कंपनी के अनुसार उसने यह पार्टनरशिप इसलिए भी की है जिससे उसे सीमा पार व्यापार में मदद मिल सके.
इस मर्जर से फ्लिपकार्ट यूजर्स को ईबे पर उपलब्ध अलग-अलग रेंज के प्रोडक्ट का ऑप्शन मिल सकेगा. दूसरी ओर ईबे यूजर्स को फ्लिपकार्ट पर भारतीय प्रोडक्ट खरीदने का ऑप्शन मिलेगा. यह पार्टनरशिप फ्लिपकार्ट प्लेटफॉर्म के सेलर्स को अपनी बिक्री को बढ़ाने का अवसर देगी.
स्नैपडील का फ्लिपकार्ट के साथ विलय से इनकार-
इससे पूर्व स्नैपडील और फ्लिपकार्ट के मध्य मर्जर की बातचीत की जा रही थी. स्नैपडील ने विलय की बातचीत को बिना किसी अंजाम तक पहुंचाए ही खत्म कर दिया. स्नैपडील के अनुसार वह बिना विलय के ही स्वतंत्र रास्ते पर आगे बढ़ना चाहती है.
स्नैपडील के प्रवक्ता के अनुसार स्नैपडील पिछले कुछ महीनों से स्ट्रैटिजिक ऑप्शन्स की तलाश में था. अब कंपनी ने स्वतंत्र रास्ता चुनने का फैसला किया है. ईसिस कारण सभी रणनीतिक बातचीत पर कंपनी ने विराम लगा दिया है.
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