भारत अगरबत्ती उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा, सरकार ने दी मंजूरी

Aug 3, 2020, 12:30 IST

खादी अगरबत्ती ‘आत्मनिर्भर मिशन’ नाम के इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में बेरोजगारों और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा करना और घरेलू अगरबत्ती उत्पादन में पर्याप्त तेजी लाना है.

Government approves Khadi Agarbatti Atmanirbhar Mission in Hindi
Government approves Khadi Agarbatti Atmanirbhar Mission in Hindi

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने अगरबत्ती उत्पादन में भारत को आत्म-निर्भर बनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा प्रस्तावित एक अद्वितीय रोजगार सृजन कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. सूक्ष्म और लघु उद्योग मंत्रालय ने अगरबत्ती व्यवसाय को बढ़ाने और इस क्षेत्र में आयात (इम्पोर्ट) घटाने हेतु बड़ा कदम उठाया है.

एमएमएमई मंत्रालय ने कहा है कि 'खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन' का लक्ष्य देश में अगरबत्ती के उत्पादन में उल्लेखीय वृद्धि के साथ-साथ भारत के विभिन्न हिस्सों में बेरोजगार और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना है. मंत्रालय ने कहा है कि इस प्रस्ताव को पिछले महीने एमएसएमई मंत्रालय के पास संस्तुति के लिए भेजा गया था.

इस योजना का उद्देश्य

प्रायोगिक परियोजना जल्द ही शुरू की जाएगी. इस परियोजना के पूर्ण कार्यान्वयन होने पर अगरबत्ती उद्योग में हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर का सृजन होगा. खादी अगरबत्ती ‘आत्मनिर्भर मिशन’ नाम के इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में बेरोजगारों और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा करना और घरेलू अगरबत्ती उत्पादन में पर्याप्त तेजी लाना है. इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य कारीगरों एवं स्थानीय अगरबत्ती उद्योग को सहायता उपलब्ध कराना है.

मुख्य बिंदु

• इस योजना के तहत, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) सफल निजी अगरबत्ती निर्माताओं के माध्यम से कारीगरों को अगरबत्ती बनाने की स्वचालित मशीन और पाउडर मिक्सिंग मशीन उपलब्ध कराएगा जो व्यापार भागीदारों के रूप में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.

• केवीआईसी ने केवल स्थानीय रूप से भारतीय निर्माताओं द्वारा निर्मित मशीनों की खरीद का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना भी है.

• केवीआईसी मशीनों की लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करेगा और कारीगरों से हर महीने आसान किस्तों में बाकी 75 प्रतिशत की वसूली करेगा.

• व्यापार भागीदार कारीगरों को अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराएगा और उन्हें काम के आधार पर मजदूरी का भुगतान करेगा.

• कारीगरों के प्रशिक्षण की लागत केवीआईसी और निजी व्यापार भागीदार के बीच साझा की जाएगी, जिसमें केवीआईसी लागत का 75 प्रतिशत वहन करेगा, जबकि 25 प्रतिशत व्यापार भागीदार द्वारा भुगतान किया जाएगा.

• अगरबत्ती बनाने की प्रत्येक स्वचालित मशीन प्रति दिन लगभग 80 किलोग्राम अगरबत्ती बनाती है जिससे 4 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. अगरबत्ती बनाने की पांच मशीनों के सेट पर एक पाउडर मिक्सिंग मशीन दी जाएगी, जिससे 2 लोगों को रोजगार मिलेगा.

• अभी अगरबत्ती बनाने की मजदूरी 15 रुपये प्रति किलोग्राम है. इस दर से एक स्वचालित अगरबत्ती मशीन पर काम करने वाले 4 कारीगर 80 किलोग्राम अगरबत्ती बनाकर प्रतिदिन न्यूनतम 1200 रुपये कमाएंगे.

• प्रत्येक कारीगर प्रति दिन कम से कम 300 रुपये कमाएगा. इसी तरह पाउडर मिक्सिंग मशीन पर प्रत्येक कारीगर को प्रति दिन 250 रुपये की निश्चित राशि मिलेगी.

देश में अगरबत्ती की खपत

देश में दैनिक आधार पर अगरबत्ती की खपत लगभग 1,490 टन के आसपास है लेकिन स्थानीय स्तर पर 760 टन अगरबत्ती का ही उत्पादन होता है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कारीगरों का साथ देना और स्थानीय अगरबत्ती उद्योग की मदद करना है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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