केंद्र सरकार ने 11 नवंबर 2020 को एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत डिजिटल मीडिया भी अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन और नियंत्रण में होगा. सरकार ने 11 नवंबर 2020 को आदेश जारी करते हुए बताया कि अब ऑनलाइन फिल्मों, ऑडियो-विजुअल कार्यक्रमों और ऑनलाइन समाचार और करेंट अफेयर्स (समय सामयिकी) के कंटेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे.
देश में चलने वाले ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल और ऑनलाइन कंटेंट प्रोग्राम अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे. इसकी अधिसूचना केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गई है. केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में वकालत की थी कि ऑनलाइन माध्यमों का नियमन टीवी से ज्यादा जरूरी है.
आदेश तत्काल प्रभाव से लागू
केंद्र सरकार ने अब ऑनलाइन माध्यमों से न्यूड़ या कंटेट देने वाले माध्यमों को मंत्रालयों के तहत लाने का कदम उठाया है. सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. आदेश के मुताबिक ऑनलाइन विषय-वस्तु प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए फिल्म और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर समाचार और समसामयिक विषय-वस्तु सूचना मंत्रालय के अधीन आएंगे.
Government issues order bringing online films and audio-visual programmes, and online news and current affairs content under the Ministry of Information and Broadcasting. pic.twitter.com/MoJAjW8fUH
— ANI (@ANI) November 11, 2020
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रेगुलेट करने की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रेगुलेट करने की जरूरत पर जोर दिया था. केंद्र सरकार ने इस पर अदालत में कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मानक तय करने हैं तो पहले डिजिटल मीडिया के लिए नियम कानून बनाए जाने चाहिए. केंद्र सरकार ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए पहले से गाइडलाइन मौजूद हैं, वहीं डिजिटल मीडिया की पहुंच बहुत अधिक होती है, उसका असर भी ज्यादा होता है.
प्रिंट और टीवी के संवाददाताओं जैसा लाभ
केंद्र सरकार ने कहा था कि वह डिजिटल मीडिया निकायों के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों को पीआईबी मान्यता जैसे लाभ देने पर विचार करेगी. सरकार ने यह भी कहा था कि वह इन पत्रकारों, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों को आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन में भागीदार की पहुंच देने पर भी गौर करेगी.
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट में दिए गए केंद्र के हलफनामे के अनुसार, सरकार ने देशभर में 385 चैनलों को नियमित न्यूज चैनल के लाइसेंस दिए हैं. ये चैनल समाचारों के साथ मनोरंजन से इतर कार्यक्रम प्रसारित करते हैं. इनमे वार्ता, बहस कार्यक्रम और जनता तक जानकारी पहुंचाने के अन्य कई कार्यक्रम भी होते हैं. इसके अतिरिक्त सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 530 ऐसे चैनलों को भी लाइसेंस दिया हुआ है जो पूरी तरह मनोरंजन, खेल और भक्ति, अध्यात्म के कार्यक्रम प्रसारित करते हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation