केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली की शुरूआत की

Oct 16, 2018, 09:55 IST

वायु प्रदूषण प्रणाली भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे, भारतीय मौसम विभाग तथा मध्यम श्रेणी के मौसम पूर्वानुमान के लिए राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) ने संयुक्त रूप से विकसित की है.

Government launches air quality warning system in Delhi
Government launches air quality warning system in Delhi

केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 15 अक्टूबर 2018 को नई दिल्ली में दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली की शुरूआत की. यह प्रणाली गंभीर वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगा सकती है और भारत सरकार के ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार आवश्यक कदम उठाने के लिए अलर्ट जारी कर सकती है.

दिल्ली में हवा की रफ्तार में गिरने के साथ वायु गुणवत्ता खराब हो गई है. दिल्ली में हाल ही में वायु गुणवत्ता सूचकांक में और गिरावट देखी गई.

वायु प्रदूषण प्रणाली:

वायु प्रदूषण प्रणाली भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे, भारतीय मौसम विभाग तथा मध्यम श्रेणी के मौसम पूर्वानुमान के लिए राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) ने संयुक्त रूप से विकसित की है.

पूर्व चेतावनी प्रणाली दिल्ली क्षेत्र में तीन-चार दिन पहले गंभीर वायु प्रदूषण की सूचना देने में मदद करेगी. केन्द्र सरकार ने वायु प्रदूषण कण कम करने के अनेक उपाये किए हैं. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 41 सदस्यों वाली टीम का गठन किया है, जो दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण स्तर की निगरानी करेगी और बोर्ड को अपनी रिपोर्ट देगी.

इस अवसर पर अवलोकन और पूर्वानुमान लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विकसित नई वेबसाइट लांच की गई. पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण (ईपीए) तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधिकारी आवश्यकता के अनुसार आवश्यक कदम उठाने के लिए इस वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं.

पुलिसकर्मियों की तैनाती:

दिल्ली में फिलहाल, वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है जिसके कारण मशीनों से सड़कें साफ करने, कूड़ा जलाने पर पाबंदी, ईंट भट्टों पर प्रदूषण नियंत्रण उपाय और वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लागू है.

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार:

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण सूचकांक और नीचे आ सकता है. इसके तहत दिल्ली में पार्किंग फीस बढ़ाई जा सकती है और डीजल से चलने वाले जेनरेटर भी बैन किए जा सकते हैं.

यह कदम तब उठाए जाएंगे जब प्रदूषण की स्थिति लगातार 48 घंटों तक आपातकालीन, बेहद खतरनाक या बहुत खराब स्तर पर होगी.

वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण:

हरियाणा और पंजाब में हर वर्ष अक्तूबर और नवंबर में धान तथा अप्रैल में गेहूं की पराली जलाना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है. पराली का यह धुंआ दिल्ली में सर्दियों के मौसम में कोहरे के साथ मिलकर वायु प्रदूषण और बढ़ा देता है.

एक्यूआई:

गौरतलब है कि एक्यूआई को 0-50 के बीच ‘अच्छा’ माना जाता है. 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.

केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक दिल्ली में 14 अक्टूबर 2018 को सुबह 10 बजे दर्ज किया गया वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 208 रहा जो ‘‘खराब’’ श्रेणी में आता है. 13 अक्टूबर 2018 को एक्यूआई 300 था.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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