केंद्र सरकार ने देश की मैपिंग नीति में व्यापक बदलाव करते हुए 15 फरवरी 2021 को भू-स्थानिक आंकड़ों (डाटा) के अधिग्रहण और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली नीतियों के उदारीकरण की घोषणा की. इस कदम से क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने और सार्वजनिक तथा निजी संस्थाओं के लिए समान अवसर पैदा करने में सहायता मिलेगी.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी सचिव आशुतोष शर्मा ने कहा कि नए दिशानिर्देशों के तहत क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त कर दिया जाएगा और मंजूरी हासिल करने जैसे पहलुओं को दूर किया गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्थाओं के लिए इसे पूरी तरह से नियंत्रण मुक्त किया जायेगा और भू-स्थानिक आंकड़े के अधिग्रहण और उत्पादन हेतु पहले से मंजूरी लेना, सुरक्षा मंजूरी, लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भू-स्थानिक डेटा के अधिग्रहण और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली नीतियों को आसान बनाया जाएगा और यह सरकार के ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के अभियान के लिए एक ‘‘बड़ा कदम’’ है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने क्या कहा?
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मानदंडों में ढील से कई क्षेत्रों में बहुत मदद मिलेगी, जो उच्च गुणवत्ता वाले नक्शों की अनुपलब्धता के कारण त्रस्त थे.
प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो डिजिटल इंडिया को बड़ी गति प्रदान करेगा. भू-स्थानिक डेटा के अधिग्रहण और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली नीतियों को आसान बनाया जाएगा. इससे हमारे आत्मनिर्भर भारत के विचार को भी बढ़ावा मिलेगा.
रोजगार भी पैदा होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कदम से देश के किसानों, स्टार्ट-अप, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र और अनुसंधान संस्थानों को नवाचारों को चलाने और समाधानों को हासिल करने में सहायता मिलेगी. इससे रोजगार भी पैदा होगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के किसानों को भी भू-स्थानिक और सुदूर संवेदी आंकड़े का फायदा मिलेगा. आंकड़े से नई प्रौद्योगिकियों और मंचों का उदय हो सकेगा जो कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में दक्षता बढ़ाएंगे.
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