संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में भुखमरी की समस्या में लगातार तीसरे वर्ष भी वृद्धि हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफ्रीका भूख की समस्या से सबसे अधिक ग्रस्त है, इसके बाद एशिया और अमेरिका का नंबर आता है.
संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट द्वारा चेतावनी दी कि वर्ष 2030 तक भूख की समस्या को खत्म करने के वैश्विक लक्ष्य को बाधित करते हुए संघर्षों एवं जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप भूख की समस्या में वृद्धि हुई है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• संयुक्त राष्ट्र खाद्य सुरक्षा और पोषण स्थिति की वैश्विक 2018 रिपोर्ट के अनुसार, लगभग पूरे अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भूख की समस्या बढ़ रही है तथा 2017 में नौ में से एक व्यक्ति या 821 मिलियन लोग भूख से ग्रसित रहे.
• रिपोर्ट में कहा गया कि यह लगातार तीसरा वर्ष है जब एक दशक तक गिरावट के बाद वैश्विक भूख के स्तर में वृद्धि हुई है.
• तापमान में बढ़ती विविधता; तीव्र, अनियमित वर्षा और बदलते मौसम आदि ने खाद्य की उपलब्धता और गुणवत्ता को प्रभावित किया है.
• संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि खाद्य पदार्थों की कमी के कारण अनुमानतः 2.3 मिलियन लोगों ने जून माह में वेनेज़ुएला छोड दिया था.
प्रमुख तथ्य |
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• रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन की अनिश्चित या अपर्याप्त उपलब्धता मोटापे में भी योगदान देती है क्योंकि सीमित वित्तीय संसाधन वाले लोग सस्ते, ऊर्जा-सघन प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का चयन कर सकते हैं जिसमें वसा, नमक और चीनी की उच्च मात्रा शामिल होती है.
• संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि पिछले वर्ष 51 देशों में लगभग 124 मिलियन लोगों ने संघर्ष और जलवायु आपदाओं से प्रेरित भूख के संकट के स्तर का सामना किया.
• रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन, सोमालिया, दक्षिण सूडान और अफगानिस्तान जैसे कई राष्ट्र जो लंबे समय से संघर्षों से जूझ रहे हैं, सूखे और बाढ़ जैसे एक या अधिक जलवायु खतरों से भी पीड़ित हैं, उनमें भुखमरी की समस्या अधिक देखी गई है.
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