Russia-Ukraine conflict: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का प्रभाव अब खेलों पर दिखना शुरू हो गया है. इसी भाग में रूसी ग्रां प्री 2022 प्रतियोगिता को स्थगित कर दिया गया है.
इस बात की पुष्टि फॉर्मूला वन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से की गई है. रूसी ग्रां प्री 25 सितंबर 2022 को सोची के ओलंपिक पार्क में होने वाला था. फॉर्मूला 1 (F1) आयोजकों ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में इसका आयोजन करना असंभव है. ट्वीट कर कहा गया है कि फॉर्मूला 1 के रूसी ग्रां प्री को यूक्रेन में आक्रमण के मद्देनजर फिलहाल रद्द कर दिया गया है.
A statement on the Russian Grand Prix pic.twitter.com/OZbbu9Z8ip
— Formula 1 (@F1) February 25, 2022
युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड (ईबी) ने रूसी सरकार एवं बेलारूस की सरकार द्वारा इसके समर्थन के माध्यम से ओलंपिक के उल्लंघन की कड़ी निंदा की. इटली की फुटबॉल लीग सीरी ए तथा दुबई में आयोजित टेनिस टूर्नामेंट में कुछ खिलाड़ियों ने अपने-अपने तरीके से युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
हैमिल्टन के करियर की 100वीं जीत
मर्सिडीज के लुईस हैमिल्टन ने रूसी ग्रां प्री 2021 का खिताब अपने नाम किया था. यह हैमिल्टन के करियर की 100वीं जीत रही थी. रेडबुल के ड्राइवर मैक्स वेर्स्टाप्पेन दूसरे स्थान, जबकि फेरारी के कार्लोस सैंज जूनियर तीसरे स्थान पर रहे थे.
रूस के खिलाफ खेलने से इनकार
यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड (Poland) ने रूस के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया है. पोलिश फुटबॉल फेडरेशन के प्रेसिडेंट ने 26 फरवरी 2022 को घोषणा किया कि पोलैंड रूस के साथ होने वाला फीफा विश्व कप 2022 का प्लेऑफ (FIFA World Cup 2022 Playoff) मुकाबला नहीं खेलेगा. मास्को में यह मुकाबला 24 मार्च 2022 को होना था.
रूस पर आर्थिक प्रतिबंध
विश्वभर में यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध शुरू हो गया है. रूस के इस कदम की हर तरफ आलोचना हो रही है. रूस पर आर्थिक प्रतिबंध तो लगाए जा ही रहे हैं लेकिन इसके साथ अब खेलों पर भी बहुत बड़ा असर दिखने लगा है.
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का घोषणा
गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का घोषणा कर दिया था. रूस की सेना ने जल, थल एवं वायू मार्ग से यूक्रेन पर हमला बोल दिया है. यूक्रेन के प्रमुख शहरों से हजारों की संख्या में लोग पलायन कर चुके हैं. वहीं दर्जनों आम नागरिकों की मौत भी हो चुकी है.
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