अंतर्राष्ट्रीय और बहु-हितधारक पहल के लिए इस 15 जून 2020 को भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए वैश्विक भागीदारी (GPAI) में इसके संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल हो गया. इस पहल का संस्थापक सदस्य बनकर, भारत अन्य देशों के साथ ही यूके, यूरोपीय संघ, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो गया है.
इस वैश्विक पहल का उद्देश्य मानव अधिकारों, विविधता, समावेशन, नवाचार और आर्थिक विकास पर आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार विकास और उपयोग को निर्देशित करना है. यह पहल एआई-संबंधित प्राथमिकताओं पर अत्याधुनिक अनुसंधान और अनुप्रयुक्त गतिविधियों को भी सहायता प्रदान करेगी.
इसकी बहु-हितधारक पहल भी भाग लेने वाले देशों की विविधता और अनुभव का उपयोग करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के आसपास के अवसरों और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने की दिशा में काम करेगी.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री, रविशंकर प्रसाद ने एक ट्वीट के माध्यम से यह घोषणा की और बताया है कि GPAI में भारत एक संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल हो गया है.
GPAI का संस्थापक सदस्य बनने पर भारत सरकार का बयान
भारत की केंद्रीय सरकार द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार, GPAI में एक संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल होकर, भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के वैश्विक विकास में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम होगा और समावेशी विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग के संदर्भ में अपने अपने अनुभव का लाभ उठायेगा.
इस बयान में यह भी कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार विकास को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और भागीदारों के साथ सहयोग करने के लिए GPAI नागरिक समाज, उद्योग, शिक्षा और सरकार के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा. GPAI यह दिखाने के तरीके भी विकसित करेगा कि कैसे कोविड -19 के कारण उत्पन्न मौजूदा वैश्विक संकट का बेहतर जवाब देने के लिए AI से अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है.
रवि शंकर प्रसाद ने AI पर सर्वोत्तम विचारों और संसाधनों को एक साथ लाने के लिए राष्ट्रीय AI पोर्टल भी शुरू किया था जिससे विभिन्न उद्योग और क्षेत्र लाभान्वित हो सकते हैं.
इस साझेदारी में शामिल होने वाले अन्य देश
इस साझेदारी में शामिल होने वाले अन्य राष्ट्र हैं - फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, जापान, इटली, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड और सिंगापुर.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए ग्लोबल पार्टनरशिप (GPAI) का एक सचिवालय होगा. इसकी मेजबानी OECD - पेरिस में स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के साथ पेरिस और मॉन्ट्रियल में स्थित दो अन्य विशेषज्ञता केंद्रों के द्वारा बारी-बारी की जाएगी.
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