वैश्विक रियल्टी पारदर्शिता सूचकांक में भारत 34वें स्थान पर, जानें पाकिस्तान किस स्थान पर

Jul 9, 2020, 11:12 IST

रियल एस्टेट बाजार से जुड़े नियामकीय सुधार, बाजार से जुड़े बेहतर आंकड़े और हरित पहलों के चलते देश की रैंकिंग में एक अंक का सुधार हुआ है.

India climbs to 34th spot in Global Real Estate Transparency Index in Hindi
India climbs to 34th spot in Global Real Estate Transparency Index in Hindi

वैश्विक रियल एस्टेट पारदर्शिता सूचकांक में भारत का स्थान 34वां रहा है. रियल एस्टेट बाजार से जुड़े नियामकीय सुधार, बाजार से जुड़े बेहतर आंकड़े और हरित पहलों के चलते देश की रैंकिंग में एक अंक का सुधार हुआ है. वैश्विक संपत्ति सलाहकार कंपनी जेएलएल इस द्वि-वार्षिक सर्वेक्षण को करती है.

जेएलएल के सीईओ और कंट्री हेड (इंडिया) रमेश नायर ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक पारदर्शिता सूचकांक (Global Transparency Index) में लगातार सुधार देखा है. देश के रियल एस्टेट बाजार को वैश्विक स्तर पर ‘आंशिक-पारदर्शी’ श्रेणी में रखा गया है.

जेएलएल के सीईओ ने क्या कहा?

जेएलएल के सीईओ और कंट्री हेड (इंडिया) रमेश नायर ने कहा कि वास्तव में इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम के साथ हम उन देशों में से एक हैं, जिन्होंने सकारात्मक सरकारी समर्थन और पारदर्शिता के उन्नत पारिस्थितिकी तंत्र के कारण अधिकतम सुधार देखा है. विशेष रूप से भारत में पारदर्शिता के लिए राष्ट्रीय आरईआईटी ढांचे का एक बड़ा योगदान रहा है.

साल 2018 में भारत की रैंकिंग

भारत की रैंकिंग साल 2018 में 35, साल 2016 में 36 और साल 2014 में 39 थी. देश के रियल एस्टेट बाजार को वैश्विक स्तर पर 'आंशिक-पारदर्शी श्रेणी में रखा गया है.

सूचकांक में कुल 99 देशों की रैंकिंग की गयी

सूचकांक में कुल 99 देशों की रैंकिंग की गयी है. इसमें शीर्ष स्थान पर ब्रिटेन है. इसके बाद क्रमश: अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और कनाडा देश शीर्ष पांच में शामिल है. भारत के पड़ोसी देश चीन की इस सूचकांक में रैंकिंग 32, श्रीलंका की 65 और पाकिस्तान की 73वीं है. शीर्ष 10 देशों को उच्च पारदर्शी, 11 से 33 को पारदर्शी श्रेणी में रखा गया है.

सूचकांक ऐसे तैयार किया जाता है

सूचकांक, डेटा उपलब्धता, इसकी प्रामाणिकता और सटीकता, सार्वजनिक एजेंसियों के साथ-साथ रियल्टी क्षेत्र के हितधारकों, लेनदेन प्रक्रियाओं, नियामक और कानूनी माहौल सहित संबंधित लागत एवं विभिन्न कारकों का मूल्यांकन करते हुए पारदर्शिता का आकलन किया जाता है.

भारतीय अचल संपत्ति में लगातार सुधार

केंद्र सरकार द्वारा प्रमुख सुधारों के प्रयास और भारतीय अचल संपत्ति में लगातार सुधार के प्रभाव ने वैश्विक निवेशकों को उत्साहित किया है. संस्थागत निवेश ने पिछले तीन वर्षों में सालाना पांच बिलियन डॉलर का एक नया मानदंड बनाया.

केंद्र सरकार का साल 2022 तक ‘सभी के लिए आवास’ प्रदान करने का उद्देश्य नियामक और राजकोषीय प्रोत्साहनों के माध्यम से प्राप्त किया जा रहा है और साथ ही किफायती आवास में निवेश के लिए संप्रभु धन निधियों को कर लाभ प्रदान कर रहा है.

रियलटी क्षेत्र में रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट 2016 (रेरा), जीएसटी, बेनामी लेनदेन निषेध (संशोधन) अधिनियम, 2016, इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण जैसे प्रमुख संरचनात्मक सुधारों ने अधिक पारदर्शिता लाई है. यह कुछ साल पहले  काफी हद तक अनियमित क्षेत्र था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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