प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याता ने नई दिल्ली में 11 जनवरी 2017 को कृषि क्षेत्र में दो सहमतिपत्रों पर हस्ताक्षर किए. इससे पहले नेता द्वय ने द्विपक्षीय वार्ता की.
केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याता भारत की तीन दिन की यात्रा पर आए हैं. केन्या के राष्ट्रपति केन्याता ने गुजरात वाइब्रेट सम्मेलन में भी भाग लिया. वर्ष 1981 के बाद केन्या के राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली सरकारी यात्रा है.
मुख्य तथ्य-
- भारत केन्या में कृषि उत्पादन बढ़ाने में सहयोग करेगा, जिसके तहत भारत ने केन्या को कृषि के आधुनिकीकरण हेतु दस करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देने की घोषणा की.
- भारत ने केन्या से ऑरगेनिक खेती में भी मदद करने का वायदा किया.
- दोनों देशों के मध्य ऋण सुविधा हेतु समझौते से सहयोग के नए आयाम खोले जाएंगे.
- नौवहन चुनौतियों के क्षेत्र में दोनों देश सागरीय अर्थव्यवस्था के नए अवसरों की तलाश करेंगे.
- भारत और केन्या ने रक्षा सहयोग के साथ-साथ जलाशयों के सर्वेक्षण, संचार नेटवर्क, समुद्री डकैती की रोकथाम हेतु साझा प्रयास की घोषणा की.
- दोनों देश मिलकर क्षमता निर्माण तथा चिकित्सा के क्षेत्र पर भी ध्यान केन्द्रित करेंगे.
- दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में भी भागीदारी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
- जिसके तहत शीघ्र ही दोनों देशों के संयुक्त कार्यदल की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद, मानव तस्करी और नशीले पदार्थों की रोकथाम के क्रियान्वयन पर विचार विमर्श किया जाएगा.
- दोनों देशों के मध्य कारोबार को बढ़ावा देना प्राथमिकता पर रखा जाएगा.
- दोनों नेताओं ने नई संयुक्त बयान जारी किया जिसमे सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की तथा इससे निपटने हेतु मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की गई. लोकतंत्र में साझा विश्वास भारत और केन्या के आपसी संबंधों को मजबूत बनाते हैं.
- भारत और केन्या ने एक साथ मिलकर उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी. भारत और केन्या के मध्य शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में बेहतर संबंध हैं.
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