हिमालय के ग्लेशियरों के घनत्त्व का अनुमान लगाने के लिए भारत करेगा हवाई रडार सर्वेक्षण

Mar 24, 2021, 16:53 IST

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति बेसिन में एक पायलट अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद, सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र उप-घाटियों में भी इसी तरह के अध्ययन किए जाएंगे.

India to conduct aerial radar surveys of Himalayan glaciers to estimate thickness
India to conduct aerial radar surveys of Himalayan glaciers to estimate thickness

भारत ग्लेशियरों की मोटाई/ घनत्त्व का अनुमान लगाने के लिए हिमालय के ग्लेशियरों के हवाई रडार सर्वेक्षण करने की योजना बना रहा है.

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति बेसिन में एक पायलट अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद, सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र उप-घाटियों में भी इसी तरह के अध्ययन किए जाएंगे.

महत्व

i) ये ग्लेशियर भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में नीचे की ओर रहने वाले लगभग 500 मिलियन लोगों की मदद करते हैं.

ii) ये ग्लेशियर ऊर्जा सुरक्षा दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं और इनकी रणनीतिक अनिवार्यता भी है.

एयरबोर्न रडार सर्वे: प्रमुख विशेषताएं

• नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित भारतीय शोधकर्ताओं के सहयोग से अभिनव हवाई रडार सर्वेक्षणों का उपयोग करके हिमालय के ग्लेशियरों की मोटाई/ घनत्त्व का अनुमान लगाने के लिए एक प्रस्ताव प्रारंभ किया था. 
• पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 19 मार्च, 2021 को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
• कॉम्पैक्ट और हल्के रडार और एंटेना, जिसके लिए भारत में पर्याप्त विशेषज्ञता उपलब्ध है, उनके डिजाइन, निर्माण और परीक्षण के लिए प्रस्ताव रखा गया है, जो हेलीकॉप्टर-आधारित संचालन के लिए उपयुक्त हैं.
• अभी इस परियोजना की अवधि को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. इस परियोजना पर काम करने वाले लोगों की संख्या भी अभी तय नहीं की गई है.
• इस परियोजना के लिए अभी तक धन आवंटित नहीं किया गया है. यह प्रोजेक्ट फाइनल होने के बाद इसके लिए धन आवंटित किया जाएगा.

ग्लेशियर क्यों महत्वपूर्ण हैं?

• हिमालय में स्थित ग्लेशियरों और देश की ऊर्जा सुरक्षा के बीच उच्च स्तर की निर्भरता है.
• देश की लगभग 33 प्रतिशत तापीय बिजली और 52 प्रतिशत जलविद्युत हिमालय से निकलने वाली नदियों के पानी पर निर्भर है.
• इन नदियों को ग्लेशियरों से पानी की काफी अधिक मात्रा प्राप्त होती है, जो उन्हें भारत की ऊर्जा सुरक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बनाती है.

पृष्ठभूमि

फरवरी, 2021 में भारत में एक बड़ी आपदा के बाद इस परियोजना की घोषणा तब की गई जब उत्तराखंड में ऋषिगंगा नदी के ऊपर रैनी गांव के पास एक ग्लेशियर के फटने से कई लोगों की जान चली गई.

जलवायु जोखिम सूचकांक (CRI) पर भारत को 20 वें स्थान पर भी रखा गया था, जिसका यह अर्थ है कि, यह मौसम के चरम बदलावों के लिए सबसे संवेदनशील देशों में से एक है.

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News