आतंकवाद-विरोध पर भारत और ब्रिटेन/ यूनाइटेड किंगडम (यूके) संयुक्त कार्य समूह की 14वीं बैठक आभासी तौर पर 21-22 जनवरी, 2021 को आयोजित की गई, जिसके तहत दोनों राष्ट्रों ने आतंकवाद के सभी रुपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की.
इस बैठक के दौरान, भारत और यूके ने दक्षिण एशिया में सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद की वैश्विक समस्या से पूरी तरह से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की मांग पर जोर दिया.
इन दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में आतंकवाद-प्रतिरोधी संयुक्त सचिव, महावीर सिंघवी और यूके सरकार के आतंकवाद-रोधी और सुरक्षा कार्यालय के महानिदेशक, टॉम हर्ड ने किया था.
International cooperation is essential to #CounterTerrorism. Co-chaired the 14th meeting of #India-#UK #JointWorkingGroup on #CT with Mr Tom Hurd , DG, Office of Security and CT of the UK. @HCI_London @UKinIndia @harshvshringla @DrSJaishankar @VikasSwarup @vkumar1969 pic.twitter.com/jWjx56pnxm
— Mahaveer Singhvi (@SINGHVI_MEA) January 23, 2021
भारत और ब्रिटेन का संयुक्त कार्य समूह: प्रमुख विशेषताएं
• इस बैठक के दौरान, दोनों राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित आतंकवादी संस्थाओं और आतंकवादियों द्वारा संभावित खतरों की समीक्षा की. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए एक उपकरण के तौर पर आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों के संबंध में विभिन्न सुझावों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
• आतंकवाद विरोधी क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया गया.
• इसमें हिंसक अतिवाद और कट्टरता का मुकाबला करना, आतंकवाद के लिए इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकना, आतंकवाद के लिए धन की व्यवस्था को नियंत्रित करना, सूचना साझा करना, कानून प्रवर्तन, क्षमता निर्माण और समुद्री और विमानन सुरक्षा के बीच सहयोग शामिल है.
• कोविड -19 महामारी के दौरान आतंकवाद से निपटने के लिए आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की गई.
• इस बैठक के दौरान, FATF और संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय मंचों में आतंकवाद-रोधी सहयोग पर भी चर्चा की गई.
आतंकवाद के विरोध में सभी देश जरुर कार्रवाई करें
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने जोर देकर यह कहा है कि, सभी राष्ट्रों को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए कि उनके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग किसी अन्य आतंकवादी गतिविधि के लिए नहीं किया गया है. इसके अलावा, यदि किसी विशेष क्षेत्र से हमले को अंजाम दिया गया है, तो संबंधित राष्ट्र को ऐसे हमलों के अपराधियों को अदालत में पेश करना होगा.
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