अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा मार्च 2017 के पहले सप्ताह में जारी शोध रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में मुस्लिम समुदाय के लोगों की आबादी सबसे अधिक हो जाएगी.
रिपोर्ट में वर्ष 2010 के दौरान एकत्रित किये गये आंकड़ों को आधार बनाया गया है. इसमें कहा गया कि 2010 में इंडोनेशिया में सबसे अधिक मुसलमान थे जबकि भारत दूसरे स्थान पर था. यदि भारत की आबादी इसी दर से बढ़ती रही तो भारत में विश्व के सबसे अधिक मुस्लिम लोग मौजूद होंगे.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार वर्तमान में विश्व में सबसे अधिक आबादी ईसाइयों की है जबकि सदी के अंत तक यह स्थान मुस्लिमों को प्राप्त होगा.
• प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार वर्ष 2010 में दुनिया में मुसलमानों की आबादी लगभग 1.6 अरब थी जो विश्व की कुल आबादी का 23 प्रतिशत है.
• प्यू रिसर्च सेंटर के अनुमान के अनुसार साल 2050 तक यूरोप की मुस्लिम आबादी में करीब 10 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है.
• वहीं अमेरिका में 2050 तक मुस्लिम आबादी कुल जनसंख्या का 2.1 प्रतिशत हो सकती है.
• अभी अमेरिका में मुस्लिम आबादी करीब एक प्रतिशत है जबकि मुस्लिम देशों से दूसरे देशों में जाने वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या के कारण भी अन्य देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ेगी.
• प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार मुसलमानों की आबादी बढ़ने के दो कारण हैं, पहला, मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर बाकी धर्मों से अधिक है. दूसरा, वैश्विक स्तर पर मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है.
• एक अन्य कारण में कहा गया कि सबसे अधिक प्रजनन दर एवं सबसे अधिक युवा आबादी के कारण मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ सकती है.
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