जीएसटी व्यवस्था के तहत केन्द्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में अवस्थित पात्र औद्योगिक इकाइयों हेतु बजटीय सहायता योजना को मंजूरी प्रदान की है. आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई.
इस योजना के तहत पर्वतीय राज्यों में अवस्थित औद्योगिक इकाइयों हेतु 1 जुलाई, 2017 से लेकर 31 मार्च, 2027 तक की अवधि हेतु 27,413 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी प्रदान की गई.
इन अवस्थित औद्योगिक इकाइयों को जीएसटी व्यवस्था लागू होने से पूर्व सरकार द्वारा केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में छूट का लाभ प्रदान किया गया. इसके लिए सरकार ने भारी भरकम 27,413 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.
अनुमान के अनुसार उपर्युक्त योजना से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में अवस्थित कुल मिलाकर 4284 पात्र औद्योगिक इकाइयां लाभान्वित होंगी. यह राशि एक जुलाई 2017 से 31 मार्च 2027 तक के लिए उपलब्ध रहेगी. सरकार यह योजना 2007 से चला रही है.
भारत सरकार ने औद्योगीकरण को बढ़ावा देने हेतु सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पूर्वोत्तर औद्योगिक एवं निवेश संवर्धन नीति (एनईआईआईपीपी), 2007 और जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे विशेष श्रेणी के राज्यों हेतु पैकेज क्रियान्वित किया.
प्रमुख तथ्य-
• केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े नियमों के निरस्त होने के मद्देनजर सरकार ने प्रभावित पात्र औद्योगिक इकाइयों द्वारा अदा किए गए सीजीएसटी और आईजीएसटी के नकद अवयव के केन्द्रीय हिस्से के बराबर बजटीय सहायता देने का निर्णय लिया.
• यह सहायता पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी राज्यों में शेष बची अवधि (वाणिज्यिक उत्पादन की तिथि से लेकर दस वर्ष) के लिए उपलब्ध होगी.
• डीआईपीपी 6 हफ्तों के की अवधी में इस योजना को अधिसूचित कर देगा.
• अधिसूचना में इस योजना के कार्यान्वयन से संबंधित विस्तृत परिचालनात्मक दिशा-निर्देश भी सम्मिलित किए गए हैं.
• उद्योगों को यह सुविधा रिफंड के रूप में मिलेगी.
• जिससे पूर्वोत्तर के आठ प्रदेशों सहित कुल 11 राज्यों को फायदा होगा.
• वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार जीएसटी कानून के फेमवर्क के दायरे में उद्योगों को 31 मार्च 2027 तक टैक्स रिफंड की सुविधा जारी रहेगी. सरकार अपने बजट से राशि आवंटित कर इन राज्यों में लगने वाली औद्योगिक इकाइयों को जीएसटी रिफंड जारी करेगी.
• जिन राज्यों को यह सुविधा मिलेगी उनमें सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, असम, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा भी शामिल हैं.
• औद्योगिक इकाइयों को सरकार द्वारा यह मदद जिस तारीख से उन्होंने व्यवसायिक उत्पादन शुरू किया है, उसके बाद दस साल की अवधि में से शेष समय के लिए ही प्रदान की जाएगी.
एनईआईआईपीपी के बारे में-
एनईआईआईपीपी, 2007 और विशेष श्रेणी वाले राज्यों से जुड़े पैकेज के तहत वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के बाद प्रथम दस वर्षों तक उत्पाद शुल्क से छूट मिलती प्रदान की जाती है.
परोक्ष कर छूट का प्रावधान-
जीएसटी कानून के तहत परोक्ष कर से छूट का प्रावधान नहीं है. यदि केंद्र या राज्य सरकार किसी उद्योग को छूट देना चाहती है तो वह जीएसटी राशि रिफंड कर सकती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार उद्योगों को रिफंड की सुविधा डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाएगी.
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