इसरो ने गगनयान के लिए तरल ईंधन इंजन का सफल परीक्षण किया

Jul 16, 2021, 10:34 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं.

Isro successfully test fires liquid fuel engine for Gaganyaan
Isro successfully test fires liquid fuel engine for Gaganyaan

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में गगनयान के लिए तरल ईंधन इंजन का सफल परीक्षण किया. इसरो अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की खोज में तरल ईंधन संचालित विकास इंजन के तीसरे लंबी अवधि के गर्म परीक्षण का सफलतापूर्वक संचालन करके आगे बढ़ गया है.

इसरो के मुताबिक, मानव रेटेड जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके थ्री (जीएसएलवी एमके थ्री) के कोर एल 110 तरल चरण (इंजन) के लिए तरल प्रणोदक विकास इंजन का तीसरा लंबी अवधि का गर्म परीक्षण सफल रहा. परीक्षण गगनयान कार्यक्रम के लिए इंजन योग्यता आवश्यकताओं का हिस्सा है.

इंजन परीक्षण: एक नजर में

तमिलनाडु में महेंद्रगिरि के इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) की इंजन परीक्षण सुविधा में इंजन को 240 सेकंड की अवधि के लिए निकाल दिया गया था. इंजन के प्रदर्शन ने परीक्षण के उद्देश्यों को पूरा किया. आपको बता दें कि इसी इंजन को रॉकेट अलग-अलग स्टेज में लगाया जाएगा, जो गगनयान कैप्सूल को अंतरिक्ष में लेकर जाएगा.

भारतीय वायुसेना के चार अधिकारी

मार्च 2021 में गगनयान के लिए भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों ने रूस में अपने ट्रेनिंग पूरी कर ली थी. इन्हें राजधानी मॉस्को के नजदीक जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था. इन्हें गगननॉट्स कहा जा रहा है.

इसरो और रूस के ग्लवकॉस्मॉस के बीच समझौता

भारतीय एयरफोर्स अधिकारियों को गगननॉट्स बनाने के लिए इसरो और रूस के ग्लवकॉस्मॉस के बीच जून 2019 में समझौता हुआ था. भारतीय वायुसेना के चार पायलट जिनमें एक ग्रुप कैप्टन हैं. बाकी तीन विंग कमांडर हैं, इनकी ट्रेनिंग गैगरीन कॉस्मोनॉट्स ट्रेनिंग सेंटर में पूरी हो चुकी है.

गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं. गगनयान मिशन के तहत इसरो तीन अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में सात दिन की यात्रा कराएगा. इन अतंरिक्षयात्रियों को सात दिन के लिए पृथ्वी के लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा. इस मिशन के लिए इसरो ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था.

कोरोना वायरस की वजह से मिशन में देरी

दिसंबर 2021 में इसरो तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से मिशन में देरी हुई है. अब मुख्य लॉन्चिंग से पहले दो अनमैन्ड मिशन होंगे. इन दोनों मिशन में गगनयान को बिना किसी यात्री के अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके बाद ही गगनॉट्स को गगनयान कैप्सूल में बिठाकर अंतरिक्ष की यात्रा पर भेजा जाएगा.

 

 

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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