विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी है कि, 17 मार्च, 2021 को इटली ने भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
अधिकारी ने एक ट्वीट में यह उल्लेख किया है कि, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्यों के लिए गठबंधन की सदस्यता प्रदान करने के लिए, 08 जनवरी, 2021 को ISA के फ्रेमवर्क समझौते में संशोधन के बाद इतालवी गणराज्य ने ISA के फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस फ्रेमवर्क समझौते पर इटली के राजदूत विन्सेन्ज़ो डी लुका ने हस्ताक्षर किए थे. अतिरिक्त सचिव (ER) ने, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि के तौर पर, इस फ्रेमवर्क समझौते की हस्ताक्षरित प्रतियां प्राप्त कीं. मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ढांचे के समझौते का भी संग्रह स्थान है.
The Italian Republic signed the Framework Agreement of the International Solar Alliance (ISA) today after the amendments to the Framework Agreement of the ISA entered into force on 8 January 2021, opening its Membership to all Member States of the UN.
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) March 17, 2021
भारत ने ISA समझौते के लिए इटली का स्वागत किया
इससे पहले 17 मार्च को भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इटली के राजदूत विन्सेन्ज़ो डी लुका से मुलाकात की थी. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में इटली के प्रवेश का भी स्वागत किया.
इस बैठक के दौरान, विदेश सचिव ने इटली की जी 20 प्रेसीडेंसी की भी चर्चा की, इटली वर्तमान में जी 20 का अध्यक्ष है.
उन्होंने ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल की भी चर्चा की, जिसके तहत भारत महामारी से पैदा हुए संकट से लड़ने के लिए वैक्सीन की खुराक को दूसरे देशों में निर्यात करने के लिए अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग कर रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
ISA भारत द्वारा शुरू किया गया एक गठबंधन है जिसमें 120 से अधिक देश शामिल हैं. इस संगठन में अधिकांश सदस्य देश धूप वाले/ गर्म देश हैं जो पूरी तरह या आंशिक रूप से मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच स्थित हैं.
इसका शुभारंभ फ्रांस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, 2015 या COP21 के दौरान पेरिस, फ्रांस में संयुक्त रूप से किया था.
इस वैश्विक गठबंधन का उद्देश्य स्थायी सौर ऊर्जा के व्यापक और तीव्र इस्तेमाल के माध्यम से पेरिस जलवायु समझौते के कार्यान्वयन में योगदान करना है.
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