दिल्ली हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को 08 मार्च 2018 को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
यह पुरस्कार पहली बार किसी महिला को कानून और न्याय के क्षेत्र में महिलाओं के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. यह पुरस्कार उन्हें राष्ट्रपति भवन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दिया गया.
गीता मित्तल:
• उन्होंने अप्रैल 2017 में मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाला था. उनके कार्यकाल में हाई कोर्ट की कार्यशैली में काफी बदलाव देखने को मिला है.
• वे न्यायपालिका में पारदर्शिता को लेकर काम कर रही हैं.
• गीता मित्तल ने वर्ष 1981 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से लॉ की.
• उन्होंने वर्ष 2004 में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्य शुरू किया था.
• उन्होंने अब तक के कार्यकाल में अनेक महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिला दिवस पर राष्ट्रपति भवन में महिला सशक्तिकरण की दिशा में असाधारण कार्य और योगदान करने वाले न्यायाधीश गीता मित्तल सहित 30 लोगों और नौ संस्थाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया.
नारी शक्ति पुरस्कार:
• नारी शक्ति पुरस्कार भारत का राष्ट्रीय सम्मान की एक श्रृंखला है, जो अपनी असाधारण उपलब्धि के लिए व्यक्तिगत महिलाओं को प्रदान किया जाता है.
• यह पुरस्कार महिलाओं और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छह श्रेणियों में दिया गया है.
• यह कठिन परिस्थितियों में एक महिला की हिम्मत की भावना को पहचानता है, जिसने अपने निजी या पेशेवर जीवन में साहस की भावना स्थापित की है.
• यह पुरस्कार महिलाओं के सशक्तिकरण और महिलाओं के मुद्दों को बढ़ाने में एक व्यक्ति के अग्रणी योगदान को भी पहचानता है.
• अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष नई दिल्ली में 8 मार्च को पुरस्कार प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार में एक लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है.
• नारी शक्ति पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 1999 में हुई थी.
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