खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने गोबर से पर्यावरण अनुकूल ‘प्राकृतिक पेंट’ तैयार किया

Jan 12, 2021, 15:33 IST

इस खादी प्राकृतिक पेंट में गाय के गोबर का इस्तेमाल हुआ है. मंत्रालय के बयान के मुताबिक खादी प्राकृतिक पेंट की लागत भी कम हैं और यह गंधहीन है. 

Khadi Prakritik Paint eco-friendly, non-toxic wall paint launched by Gadkari in Hindi
Khadi Prakritik Paint eco-friendly, non-toxic wall paint launched by Gadkari in Hindi

खादी और ग्रामोद्योग विभाग द्वारा विकसित और गाय के गोबर से बना हुआ ‘वैदिक पेंट’ लॉन्च कर दिया गया है. केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने 12 जनवरी 2021 को इस पेंट को लॉन्च किया है. पेंट को लॉन्च करने का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने का है.

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने भी इस पेंट को प्रमाणित किया है. इनका परीक्षण देश की तीन बड़ी प्रयोगशाला ‘नेशनल टेस्ट हाउस’ मुंबई और गाजियाबाद एवं श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च, नई दिल्ली में किया गया है.

इस पेंट की ये हैं खूबियां

• इस खादी प्राकृतिक पेंट में गाय के गोबर का इस्तेमाल हुआ है. मंत्रालय के बयान के मुताबिक खादी प्राकृतिक पेंट की लागत भी कम हैं और यह गंधहीन है. इस पेंट को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है.

• बयान में कहा गया है कि यह खादी प्राकृतिक पेंट Distemper Paint  और  Emulsion Paint में उपलब्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस पेंट का उत्पादन किसानों की आय बढ़ाने के दृष्टिकोण से किया गया है.

• इस योजना पर काम मार्च 2020 में किया गया था. इस पेंट को कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर में विकसित किया गया है. यह पेंट पूरी तरह गंधहीन है और इसमें आम डिस्टेंपर या पेंट की तरह विषैले पदार्थ भी नहीं है.

• आम पेंट में सीसा (लेड), पारा (मरकरी), कैडमियम, क्रोमियम जैसी हानिकारक भारी धातुएं होती हैं. खादी के ‘प्राकृतिक पेंट’ में ऐसी कोई धातु नहीं है.

आम पेंट के मुकाबले सस्ता

वैदिक पेंट का मुख्य अवयव गोबर होने से यह आम पेंट के मुकाबले सस्ता पड़ेगा. यह देश के किसानों की आय बढ़ाने वाला होगा. बयान के अनुसार टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के माध्यम से इसकी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे गोबर की खपत बढ़ेगी जो किसानों की आय बढ़ाने में काम आएगी. सरकार के अनुमान के हिसाब से यह किसानों या गौशालाओं को प्रत्येक वर्ष प्रति पशु पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त आय पैदा करके देगा.

भारत में गाय के गोबर का उपयोग

भारत के गांवों में गाय के गोबर के उपयोग से फर्श और दीवारों को लीपने का काम सदियों से जारी है. इसकी मदद से मिट्टी के घरों में तापमान को नियंत्रित रखने में भी सहायता मिलती है. गांवों में इसका इस्तेमाल ईंधन के रूप में भी किया जाता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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