Liz Truss new UK PM: काफी दिनों से चर्चा में रही लिज़ ट्रस आखिरकार ब्रिटेन की अगली प्रधान मंत्री के रूप में नामित हो गयी. लिज़ ट्रस को सोमवार को गवर्निंग कंजर्वेटिव पार्टी का नेता और देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया गया है. वर्तमान में विदेश सचिव ट्रस, ने अपने प्रतिद्वंद्वी ऋषि सनक को हराया है, और बोरिस जॉनसन के बाद ब्रिटेन का नेतृत्व करेंगी. आज कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के मतपत्र का परिणाम 11:30 GMT पर घोषित किया गया.
जुलाई में घोटाले के उजागर होने के बाद जॉनसन को इस्तीफे की घोषणा करने के लिए मजबूर किया गया था.वह आधिकारिक तौर पर अपना इस्तीफा देने के लिए मंगलवार को महारानी एलिजाबेथ से मिलने के लिए स्कॉटलैंड जाएंगे. उसके बाद लिज़ ट्रस देश की नई प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगी.
I am honoured to be elected Leader of the Conservative Party.
— Liz Truss (@trussliz) September 5, 2022
Thank you for putting your trust in me to lead and deliver for our great country.
I will take bold action to get all of us through these tough times, grow our economy, and unleash the United Kingdom’s potential. pic.twitter.com/xCGGTJzjqb
लिज़ ट्रस ने किसे दी मात?
लिज़ ट्रस ने अपने प्रतिद्वंदी और भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हरा दिया है. सुनक प्रधानमंत्री पद के दूसरे सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार थे. हाल ही में सुनक ने बोरिस जॉनसन के मंत्रीमंडल से अपना इस्तीफा दिया था. कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए सुनक और ट्रस ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और देश के विभिन्न मुद्दों पर अपना मत रखा और अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की प्रयास किया. आखिरकार कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों ने लिज़ ट्रस पर भरोसा जताया.
लिज़ ट्रस के बारे में:
- लिज़ ट्रस (Liz Truss) का पूरा नाम मैरी एलिजाबेथ ट्रस है. जो वर्त्तमान में, 2021 से विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों की सचिव और 2019 से महिला और समानता मंत्री के रूप में सेवारत हैं. साथ ही वह 2010 से दक्षिण-पश्चिम नॉरफ़ॉक संसदीय क्षेत्र से कंजर्वेटिव पार्टी की सदस्य है.
- 47 वर्षीय लिज़ ट्रस का जन्म 26 जुलाई 1975 को यूके के शहर ऑक्सफोर्ड में हुआ था. उनके पिता का नाम जॉन केनेथ (गणित शिक्षक) और उनकी माता का नाम प्रिसिला मैरी ट्रस है. उन्होंने वर्ष 2000 में ह्यूग ओ'लेरी से शादी की थी, जिनसे उनकी दो बेटियां है.
- उनकी प्रारम्भिक शिक्षा लीड्स में राउंडहे स्कूल से हुई थी, सात साल की उम्र में, लिज़ ट्रस ने अपने स्कूल के एक कार्यक्र में मार्गरेट थैचर (पूर्व प्रधानमंत्री) की भी भूमिका निभाई थी. बाद में उन्होंने राजनीति, दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र का अध्ययन ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पूरी की थी.
| पूरा नाम | मैरी एलिजाबेथ ट्रस |
| जन्म | 26 जुलाई 1975 (ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन) |
| पिता का नाम | जॉन केनेथ (गणित शिक्षक) |
| माता का नाम | प्रिसिला मैरी ट्रस |
| शिक्षा | ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय |
| राजनीतिक दल | कंजर्वेटिव पार्टी |
| संसदीय क्षेत्र | दक्षिण-पश्चिम नॉरफ़ॉक |
राजनीतिक जीवन:
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान ही उनका राजनीतिक कैरियर शुरू हो गया था. ट्रस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लिबरल डेमोक्रेट्स की अध्यक्षा थी. उस दौरान उन्होंने पार्टी के 1994 के सम्मेलन में राजशाही तंत्र को खत्म करने की बात कही थीं. वर्ष 1996 में अपनी विचारधारा बदलते हुये कंजर्वेटिव पार्टी में शामिल हो गयी.
- वर्ष 2006 में लिज़ दक्षिण-पूर्व लंदन के ग्रीनविच में एक पार्षद के रूप में चुनी गईं और 2008 से राइट-ऑफ-सेंटर रिफॉर्म थिंक टैंक के लिए भी काम किया था.
- वह पहली बार 2010 में दक्षिण-पश्चिम नॉरफ़ॉक संसदीय क्षेत्र से सांसद बनी.
- वर्ष 2012 में वह शिक्षा मंत्री के रूप में सरकार में शामिल हो गयी और शिक्षा क्षेत्र में अहम बदलाव किये. ट्रस की बढ़ती लोकप्रियता के कारण उन्हें वर्ष 2014 में पर्यावरण सचिव के रूप में पदोन्नत किया गया.
- ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे के कार्यकाल के दौरान ट्रेजरी के मुख्य सचिव और न्याय सचिव के रूप में कार्य किया.
- 2019 में बोरिस जॉनसन के प्रधान मंत्री बनने के बाद ट्रस को अहम जिम्मेदारी देते हुए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव बना दिया.
- उन्होंने 2010 में ‘ब्रिटानिया अनचेनड’ (Britannia Unchained) नामक एक पुस्तक का सह-लेखन भी किया था.
ब्रेक्सिट मुद्दे पर लिज का यू टर्न- लिज ने ब्रेक्सिट मुद्दे पर अपना विचार रखते हुए इसे नियमो की अधिकता, अलग-अलग रूप और इसमे अधिक समय लगने के आधार पर ‘ट्रिपल त्रासदी’ का नाम दिया था. बाद में ब्रेक्सिट पर यू टर्न लेते हुए इसका पुरजोर समर्थन किया और इसे एक अवसर के रूप में परिभाषित किया.
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर ट्रस का रुख: रूस-यूक्रेन के युद्ध में उन्होंने यूक्रेन का यूके के रुख के अनुरूप खुला समर्थन किया और इस युद्ध के लिए रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का कड़े शब्दों में अलोचना की और भारत समेत विश्व के अन्य नेताओं से यूक्रेन का साथ देने का अव्हाहन किया है. उन्होंने यूएस और यूरोपीय देशों द्वारा हाल में रूस पर लगाये गए प्रतिबंधों का समर्थन किया है.
आगे की राह:
देश से जुड़े आर्थिक, रोजगार और विभिन्न अन्य मुद्दों सहित रूस-यूक्रेन संघर्ष, चीन की ताइवान को लेकर आक्रामकता आदि जैसे वैश्विक मुद्दों के कारण उनकी आगे की राह आसान नहीं रहने वाली है. इस प्रकार के बड़े मुद्दों पर उनका रुख उनके राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगा.
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