संसद ने 03 अगस्त 2021 को दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया. लोकसभा ने 28 जुलाई 2021 को विधेयक पारित किया था. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवालिया कानून में संशोधन करने वाले अध्यादेश को बदलने के लिए इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था.
दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश, 2021, चार अप्रैल 2021 से प्रभावी हो गया था. इसके तहत छोटे और मझोले इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को पहले से तैयार व्यवस्था (प्री पैकेज्ड) के तहत दिवाला निपटान प्रक्रिया की सुविधा मिल गई है.
कोविड-19 महामारी
विधेयक के लागू होने से कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान बंद हुए या प्रभावित हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को काफी मदद मिलेगी. लोकसभा से पारित संशोधन विधेयक से दिवाला कानून में ये बदलाव होंगे.
ऋणशोधन और दिवाला संहिता अधिनियम
छोटे कारोबारियों के लिए दिवाला प्रक्रिया आसान बनाने के लिए सरकार ने 4 अप्रैल 2021 को इससे जुड़ा अध्यादेश लाया था. अब ये विधेयक राज्यसभा से भी पारित होने के बाद कानून की शक्ल ले लेगा और 2016 में आए ऋणशोधन और दिवाला संहिता (IBC) अधिनियम में अहम बदलाव करेगा.
इस संशोधन के बाद अब जब बैंकों का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) में लगा पैसा डूबेगा नहीं तो उनका रिस्क कम होगा और वो MSME को ऋण देने में हिचकिचाएंगे नहीं. वहीं MSME भी नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चौकसी की तरह बैंकों के साथ लोन डिफॉल्ट कर पाएंगे.
दिवाला कानून का लाभ
कोरोना महामारी के बाद से केंद्र सरकार लगातार MSME को आगे बढ़ाने पर दे रही है. सरकार के इस कदम से भी MSME के लिए सस्ता ऋण सुलभ होगा. इस संशोधन के बाद MSME सेक्टर को भी दिवाला कानून का लाभ मिलने लगेगा और उनके दिवालिया होने की स्थिति में PIRP (प्री-पैकेज्ड रिजॉल्यूशन प्रोसेस) को शुरू किया जा सकेगा.
विधेयक के उद्देश्य एवं कारण
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि कोविड महामारी ने भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में कारोबार, वित्तीय बाजार एवं अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है. सरकार ने महामारी के कारण उत्पन्न संकट को कम करने के लिये अनेक उपाए किये हैं.
इसमें अन्य बातों के साथ निगम दिवाला प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिये व्यक्तिक्रम की न्यूनतम रकम एक करोड़ रूपये से बढ़ाना शामिल है. इसमें 25 मार्च 2020 से 24 मार्च 2021 तक एक वर्ष की अवधि के दौरान निगम दिवाला प्रक्रिया आरंभ करने के लिये आवेदन फाइल का निलंबन शामिल है.
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