जियोलॉजिकल डिजास्टर टेक्नोलॉजी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर ने यह बताया है कि, इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी मेरापी चार बार फटा और क्रेटर से 1,500 मीटर की दूरी तक इसका लावा बह रहा था.
इस केंद्र के प्रमुख हानिक हुमैदा ने 03 जून, 2021 को यह बताया कि, छह घंटे के दौरान इंडोनेशिया के माउंट मेरापी में 10 से 141 सेकंड के लिए 43 हिमस्खलन भूकंप और 11 से 27 सेकंड के लिए भूकंप के पांच झटकों का भी अनुभव किया गया.
हुमैदा ने आगे यह भी कहा कि, योग्याकार्टा और मध्य जावा प्रांतों के बीच की सीमा पर स्थित पहाड़ अभी भी अपने शिखर से 50 मीटर ऊपर तक घने सफेद धुएं को उगल रहा था.
इंडोनेशियाई अधिकारियों ने भी नागरिकों से मेरापी की चोटी के 03 किमी के दायरे के भीतर खतरे के क्षेत्र में न जाने का आग्रह किया था. यहां के लोगों को मेरापी से निकलने वाली नदियों जैसे बोयोंग, कुनिंग, क्रासक, बेडॉग, पुतिह और बेबेंग नदियों से भी बचना चाहिए.
इंडोनेशिया में 127 सक्रिय ज्वालामुखी हैं और इस देश में करीब 50 लाख लोग डेंजर जोन में रहते हैं.
इंडोनेशिया में मेरापी ज्वालामुखी
माउंट मेरापी एक सक्रिय स्ट्रैटोवोलकैनो है जो मध्य जावा और इंडोनेशिया में योग्याकार्टा के विशेष क्षेत्र के बीच के सीमा-क्षेत्र पर स्थित है.
यह देश का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है और वर्ष 1548 से नियमित रूप से फट रहा है. मेरापी पर्वत योग्यकार्ता शहर से लगभग 28 किमी उत्तर में स्थित है और 24 लाख की आबादी के साथ हजारों लोग इस ज्वालामुखी के किनारों पर रहते हैं.
वर्ष 2010 में हुए विस्फोट ने बदल दिया इसका विशिष्ट आकार
इंडोनेशियाई सरकार ने 20 अक्टूबर, 2010 को मेरापी पर्वत के लिए अलर्ट को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया था. तब सरकार ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दी थी और इस पहाड़ के 20 किमी क्षेत्र के भीतर रहने वाले लोगों को अपने घर खाली करने के लिए कहा गया था.
अधिकारियों के अनुसार, 23-24 अक्टूबर के सप्ताहांत में इस पहाड़ पर लगभग 500 ज्वालामुखी भूकंप दर्ज किए गए थे. यहां भूकंपीय गतिविधि के कारण मैग्मा सतह से लगभग 01 किमी नीचे तक बढ़ गया था. वर्ष, 2010 में हुए एक बड़े विस्फोट के बाद मेरापी पर्वत का विशिष्ट आकार भी काफी बदल गया था.
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