प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर 2016 को उत्तराखंड स्थित देहरादून में चार धाम महामार्ग विकास परियोजना का शिलान्यास किया. इस परियोजना के पूरा होने से चार धाम यात्रा सुगम होगी तथा पहाड़ी क्षेत्र में आधारभूत विकास सुविधाएँ भी उपलब्ध हो सकेंगी.
इस परियोजना के तहत चारों धामों को एक साथ जोड़ा जायेगा जिससे राज्य में पर्यटन की सुविधाएं बढेंगी. इस परियोजना के तहत यह महामार्ग केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक जायेगा.
इस परियोजना में कुछ विशेष सुविधाएं भी दी जायेंगी. इस मार्ग में 18 सुविधा केंद्र खोले जायेंगे तथा मार्ग पर 154 बस स्टैंड भी बनाये जायेंगे.
चार धाम महामार्ग परियोजना
• इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई जाएगी जिस पर 12,000 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.
• ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक 140 किलोमीटर की सड़क बनाई जाएगी इसपर 2166 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.
• रुद्रप्रयाग के बाद यह मार्ग बद्रीनाथ तक जायेगा तथा इसके बाद यह गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ पहुंचेगा. इस पूरे मार्ग पर 4748 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा.
• इस परियोजना में ऋषिकेश से धरासू होते हुए गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाला भी एक हाईवे बनाया जायेगा. इस परियोजना की कुल लागत 5626 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
• इसके अतिरिक्त टनकपुर से पिथोरागढ़ तक बनाये जाने वाले हाईवे के लिए 1557 करोड़ रूपये का खर्च आयेगा.
• विभिन्न सुरंगों और नए बनाये जाने वाले रास्तों से चारों धामों के मध्य दूरी घटकर 813 से 389 किलोमीटर रह जाएगी.
• इस परियोजना में 132 पुल, 13 बाई पास और 2 सुरंगें बनाई जायेंगी.

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