नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने की मंगल ग्रह पर पृथ्वी जैसे बादलों की दुर्लभ झलक साझा

Mar 27, 2021, 13:57 IST

नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के ऊपर से गुजरने वाले पृथ्वी जैसे बादलों के आश्चर्यजनक वीडियो फुटेज साझा किए हैं. इस वीडियो से यह अनुमान लगाया गया है कि, ये बादल उसी तरह के हैं जैसे हम पृथ्वी पर देखते हैं. इसके बारे में यहां और अधिक पढ़ें.

NASA's Curiosity Rover shares rare glimpse of Earth-like Clouds on Mars
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नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के ऊपर से गुजरने वाले पृथ्वी जैसे बादलों के आश्चर्यजनक वीडियो फुटेज साझा किए हैं. इस वीडियो को कार के आकार के रोवर के शीर्ष पर लगे नेविगेशन कैमरों द्वारा शूट किया गया था, जो अगस्त, 2012 में लाल ग्रह पर उतरा था.

19 मार्च, 2021 को कैद किए गए 5 मिनट के इस वीडियो फुटेज को ट्विटर पर नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के डॉ. पॉल बर्न ने शेयर किया था.

इस वीडियो से यह अनुमान लगाया गया है कि, ये बादल उसी तरह के हैं जैसे हम पृथ्वी पर देखते हैं.

क्या मंगल ग्रह के बादल पृथ्वी के बादलों के समान हैं?

• हालांकि, मंगल ग्रह के ये बादल पृथ्वी के बादलों के समान दिखते हैं लेकिन, विशेषज्ञों के अनुसार लाल ग्रह के बादल वहां के अलग वायुमंडल के कारण पृथ्वी के बादलों से पूरी तरह अलग हैं.
• मंगल पर वायुमंडल बहुत पतला है और 96 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड से बना है और इसलिए, इस ग्रह पर घने बादलों का निर्माण संभव नहीं है.
• ऐसा माना जाता है कि, लाल ग्रह पर आंशिक रूप से इन बादलों का निर्माण उस धूल के कारण होता है, जो अंतरिक्ष मलबे के वायुमंडल से टकराने पर उत्पन्न होती है. 
• मंगल ग्रह के बादल भी 'रात में चमक' सकते हैं, जिसका अर्थ है कि वे बादल मंगल ग्रह की सतह से ऊपर होने के कारण, सूर्य द्वारा रात के समय में भी प्रकाशित किये जाते हैं.
• दूसरी ओर, पृथ्वी का वातावरण नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से समृद्ध है और हमारे ग्रह के चारों ओर घने बादल बनाने के लिए पानी के अणु इन गैसों के कणों के आसपास घनीभूत होते हैं.

पृष्ठभूमि

नासा के मार्स क्यूरियोसिटी रोवर अगस्त, 2012 में लाल ग्रह पर यह निर्धारित करने के लिए उतारा गया था कि, क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था या फिर, यह ग्रह माइक्रोबियल जीवन के लिए रहने योग्य है.

क्यूरियोसिटी रोवर एक मिनी कूपर कार के आकार के जितना है. यह 17 कैमरों के साथ एक रोबोटिक आर्म से लैस है और इसमें प्रयोगशाला जैसे विशेष उपकरण और यंत्र लगे हैं. इस रोवर ने मंगल ग्रह सतह पर 08 साल से अधिक का समय बिताया है.

क्यूरियोसिटी रोवर नासा के साथ पर्जिवरेंस रोवर शामिल हो गया, जो 18 फरवरी, 2021 को रेड प्लेनेट के जेज़ेरो क्रेटर पर सफलतापूर्वक उतरा.

पर्जिवरेंस रोवर ने हाल ही में अपने ’संवेदनशील’ ईडीएल माइक्रोफोन का उपयोग करते हुए लाल ग्रह पर ड्राइविंग करते समय रिकॉर्ड की गई ध्वनियों को पृथ्वी पर भेजा था. यह रिकॉर्डिंग 16 मिनट से अधिक समय की है जो 07 मार्च को मंगल ग्रह पर ली गई थी.

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