राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी 2017 को संपूर्ण भारत में मनाया गया. कन्या शक्ति को लोगों के सामने लाने तथा उसके प्रति समाज में जागरूकता और चेतना पैदा करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 में 24 जनवरी को प्रति वर्ष ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाने का निर्णय लिया था.
आज की बालिका जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है चाहे वो क्षेत्र खेल हो या राजनीति, घर हो या उद्योग. राष्ट्रमण्डल खेलों के स्वर्ण पदक हो या मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति के पद पर आसीन होकर देश सेवा करने का काम हो सभी क्षेत्रों में लड़कियाँ समान रूप से भागीदारी ले रही है.
राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का कारण:
आज बालिका प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है लेकिन आज भी वह अनेक कुरीतियों का शिकार हैं. ये कुरीतियों उसके आगे बढ़ने में बाधाएँ उत्पन्न करती है.
पढ़े-लिखे लोग एवं जागरूक समाज भी इस समस्या से अछूता नहीं है. आज हज़ारों लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है या जन्म लेते ही लावारिस छोड़ दिया जाता है.
आज भी समाज में कई घर ऐसे हैं, जहाँ बेटियों को बेटों की तरह अच्छा खाना और अच्छी शिक्षा नहीं दी जा रही है. समाज में आज भी बालक और बालिकाओं में भेदभाव किया जा रहा है.
इनसभी भेदभाव को खत्म करने के लिए ही राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है.
सुझाव:
राष्ट्रीय बालिका दिवस के दिन हमें लड़का-लड़की में भेद नहीं करने और समाज के लोगों को लिंग समानता के बारे में जागरूक करने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए.
देश में लड़कियों की घटती संख्या को देखते हुए ही राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाने लगा है.
बालिकाओ की पोषण, सेहत और पढ़ाई जैसी चीज़ों पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है जिससे की बड़ी होकर वे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और भावनात्मक रूप से आत्मनिर्भर तथा सक्षम बन सकें.

Comments
All Comments (0)
Join the conversation