भारतीय मूल की दक्षिण अफ्रीकी वकील एवं मानवाधिकार कर्मी यास्मीन सूका को 24 जून 2016 को दक्षिण सूडान में मानव अधिकार पैनल की अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
उन्हें दक्षिण सूडान में मानवाधिकारों की स्थिति पर निगाह रखने और उसमें सुधार के उपायों की सिफारिश हेतु गठित संयुक्त राष्ट्र आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.
वह ‘दक्षिण सूडान के मानवाधिकार आयोग’ में अमेरिका के केन्नेथ स्कॉट तथा केन्या के गॉडफ्रे मुसिला के साथ काम करेंगी.
वर्ष 2011 में दक्षिण सूडान के निर्माण से पहले सरकारी और विद्रोही बलों दोनों पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे थे. तब संयुक्त राष्ट्र ने एक आयोग की स्थापना का प्रस्ताव किया था.
आयोग के कार्य-
• यह संक्रमणकालीन न्याय, जवाबदेही और सुलह के मुद्दों पर दक्षिण सूडान की सरकार को मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
• यह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय तंत्र के साथ संलग्न मानव अधिकारों के उल्लंघन और हनन के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए होगा.
यास्मीन सूका के बारे में-
• यास्मीन को वैश्विक मानवाधिकार मामलों का व्यापक अनुभव है.
• रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता रहीं यास्मीन अबी तक दक्षिण अफ्रीका के ‘फाउंडेशन फॉर ह्यूमन राइट्स’ (FHR) की कार्यकारी निदेशक हैं.
वह कई देशों में जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं.
एफएचआर अनुदान देने वाली एक संस्था है, जो मानवाधिकार सम्बन्धी मामलों को बढ़ावा देती है औउर उनका संचालन करती है.
• इससे पहले उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला द्वारा स्थापित दक्षिण अफ्रीका के सत्य और सुलह आयोग (टीआरसी) की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में 1996-2001 के बीच अपनी सेवाएं दी.
• 2002 से 2004 तक सिएरा लियोन के संयुक्त राष्ट्र के सत्य और सुलह आयोग में सेवाएं दी.
• श्रीलंका में युद्ध के अंतिम चरण के दौरान वह युद्ध अपराधों के लिए जवाबदेही पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की सलाहकार थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation