Parkash Singh Badal Passes Away: 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे चुके शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. उनके निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है.
बादल को सांस संबंधी दिक्कतों के कारण, मोहाली के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें आईसीयू में रखा गया था. इससे पहले जून, 2022 में वह गैस्ट्राइटिस के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे.
बीते सोमवार को अस्पताल की ओर से एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि वह आईसीयू में चिकित्सकों की निगरानी में हैं, जहां उनके स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार भी हुआ था.
पीएम मोदी ने जताया शोक:
बादल के निधन पर पीएम मोदी ने भी शोक प्रकट किया है. उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि ''श्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ. वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे, और एक चर्चित राजनेता थे जिन्होंने देश के लिए बहुत योगदान दिया. उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया.''
Extremely saddened by the passing away of Shri Parkash Singh Badal Ji. He was a colossal figure of Indian politics, and a remarkable statesman who contributed greatly to our nation. He worked tirelessly for the progress of Punjab and anchored the state through critical times. pic.twitter.com/scx2K7KMCq
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2023
हरियाणा के सीएम ने भी किया याद:
प्रकाश सिंह बादल के निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी शोक प्रकट किया है, सीएम ने कहा कि उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर मोहाली के फोर्टिस अस्पताल भी पहुंचे जहां शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक का निधन हुआ था.
#WATCH | Haryana CM Manohar Lal Khattar arrives at the Fortis Hospital in Mohali, where former Punjab CM and Shiromani Akali Dal patron Parkash Singh Badal passed away at the age of 95 pic.twitter.com/X6jXZsJSUA
— ANI (@ANI) April 25, 2023
1970 में पहली बार बने थे सीएम:
प्रकाश सिंह बादल पहली बार वर्ष 1970 में पंजाब के सीएम बने थे. वर्ष 2017 में वह आखिरी बार इस पद पर थे. वह सिख-केंद्रित पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संरक्षक भी थे. बादल 12 फरवरी 1997 से 26 फरवरी 2002 की अवधि के बीच भी प्रदेश के सीएम बने थे.
कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी. वह एक जाट सिख परिवार से थे उनका जन्म 8 दिसंबर 1927 को मलोट के पास अबुल खुराना में हुआ था.
बादल का राजनीतिक सफ़र:
वह 1957 में पहली बार शिरोमणि अकाली दल से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे. वह 1969 में फिर से चुन कर आये और तत्कालीन पंजाब सरकार में सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री का पद संभाला.
वह कुल 10 बार विधान सभा के लिए चुने गए थे. वह 1972, 1980 और 2002 में विपक्ष के नेता थे. वर्ष 1997 के चुनावों में वे लंबी विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
वह 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय मंत्री बने थे और कृषि और सिंचाई मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थी.
बादल पहली बार मार्च 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने अकाली दल - संत फतेह सिंह और जनसंघ की गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था.
वर्ष 2007 के पंजाब विधान सभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार ने 117 में से 67 सीटें जीतीं और प्रकाश सिंह बादल ने चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की बागडोर संभाली.
पंजाब राजनीति के दिग्गज बादल के नेतृत्व में 2012 का विधानसभा चुनाव जीतकर शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने एक बार फिर प्रदेश में सरकार बनाई.
पद्म विभूषण से हुए थे सम्मानित:
30 मार्च, 2015 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. हालांकि उन्होंने 3 दिसंबर 2020 को भारतीय किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए इस सम्मान को वापस कर दिया था.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सरदार प्रकाश सिंह बादल जी के निधन का समाचार दुखद है। वो आजीवन भारत और पंजाब की राजनीति के एक कद्दावर नेता रहे।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 25, 2023
श्री सुखबीर सिंह बादल समेत उनके सभी शोकाकुल परिजनों और समर्थकों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। pic.twitter.com/Wb9N7m8fO9
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन का दुखद समाचार मिला... वाहेगुरु दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को दुख सहने की शक्ति दें..
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 25, 2023
वाहेगुरु
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