प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई के आह्वान पर जी20 देशों के नेताओं ने मुहर लगाई. आतंकवाद के मुद्दे पर जी20 ने 7 जुलाई 2017 को नया मसौदा पारित किया. नेताओं ने आतंकवाद की फंडिंग, उनकी पनाहगाहों को खत्म करने का संकल्प लिया.
सदस्य देशों ने तय किया कि इराक और सीरिया से लौटे विदेशी आतंकियों को उनके मूल देश में जड़ जमाने से रोका जाएगा. आतंकवाद को लेकर खुफिया सूचनाएं साझा करने के साथ कानूनी और न्यायिक एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ भी संक्षिप्त बातचीत की.
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स नेताओं के साथ बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति मिचेल टेमर और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अनौपचारिक बातचीत की. मोदी ने कहा कि जी-20 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के आतंकवाद-रोधी तंत्र का गठन किया जाना चाहिए.
सिक्किम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान एक दूसरे से हाथ मिलाया और 'व्यापक मुद्दों' पर चर्चा की.
नेताओं ने इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके आतंकी गतिविधियों के लिए फंड एकत्र करने, लोगों की भर्ती करने और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की अपील की. उन्होंने निजी क्षेत्र के संचार सेवा प्रदाताओं से भी इंटरनेट से घृणा फैलाने वाली सामग्री हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की.
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन वैश्विक आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और मुक्त व्यापार जैसे मुद्दों पर नेतृत्वकारी भूमिका अदा की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ ग्यारह सूत्री कार्य योजना के रूप में विश्व के सामने ठोस और असरदार कार्य योजना की रूप रेखा प्रस्तुत की.
मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर तकनीकों और कार्य प्रणालियों को विकसित करने के लिए विश्व के देशों का एक समूह बनाने का प्रस्ताव किया. भारत ने विश्व के सामने उपस्थित गंभीर मुद्दों पर जिस प्रकार विचारों के स्तर पर रास्ता दिखाने का काम किया है उसकी छाप जी-20 शिखर सम्मेलन दिखाई देने की उम्मीद की जा सकती है. ब्रिक्स देश जी20 समूह का भी हिस्सा हैं.
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