प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2021 को भारत के पहले कानून मंत्री और भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन पर आधारित चार किताबों का विमोचन किया.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि पीएम मोदी मोदी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित चार पुस्तकें जारी की हैं, जो कि किशोर मकवाना ने लिखी हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका संघर्ष एक मिसाल बना रहेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा.
बाबासाहेब अम्बेडकर हमें जो मार्ग दिखाकर गए हैं, उस पर देश निरंतर चले, इसकी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और हमारे विश्वविद्यालयों पर हमेशा रही है।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2021
जब प्रश्न एक राष्ट्र के रूप में साझा लक्ष्यों का हो, तो सामूहिक प्रयास ही सिद्धि का माध्यम बनते हैं। pic.twitter.com/8RdmkTM7ag
इसके अलावा, पीएम मोदी ने अलग-अलग वीसी संग बैठक में कहा कि बाबा साहेब ने समान अवसरों की बात की थी, समान अधिकारों की बात की थी. आज देश जनधन खातों के जरिए हर व्यक्ति का आर्थिक समावेश कर रहा है. डीबीटी के जरिए गरीब का पैसा सीधा उसके खाते में पहुंच रहा है. बाबा साहेब से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है.
Addressing a conference of Vice Chancellors of various universities. https://t.co/PtlY0cfUyu
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2021
बाबा साहेब अंबेडकर: एक नजर में
बता दें कि बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म 1891 में आज (14 अप्रैल ) ही के दिन मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. साल 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था.
आपको बता दें कि बाबासाहेब आंबेडकर पर 1968 में बनी एक दुर्लभ मराठी लघु फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय (एनएफएआई) ने अपने संग्रह में शामिल कर लिया है.
उन्होंने दलित बौद्ध आन्दोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था. वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे.
14 अप्रैल को उनका जन्म दिवस आंबेडकर जयन्ती के तौर पर भारत समेत दुनिया भर में मनाया जाता है. डॉक्टर आंबेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं.
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