प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अक्टूबर 2016 को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय जनजातीय कार्निवल 2016 का उद्घाटन किया.
कार्निवल का उद्देश्य आदिवासियों के बीच समग्रता की भावना को बढ़ावा देना है. अलग– अलग राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेश से आए करीब 1600 आदिवासी कलाकारों ने उद्घाटन समारोह में कार्निवल परेड की. परेड के दौरान वे पारंपरिक वेशभूषा में थे.
मुख्य बातें:
• इसका आयोजन जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्रालय द्वारा किया गया था.
• चार दिनों तक चलने वाले इस राष्ट्रीय जनजातीय कार्निवल की योजना जनजातीय संस्कृति, परंपरा, रीति– रिवाजों और उनके कौशलों से संबंधित जनजातीय जीवन के विभिन्न पहलुओं के संरक्षण और उन्हें बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी.
• कार्निवल में बड़े पैमाने पर जनजातीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को दिखाया और उसे बढ़ावा दिया जाएगा.
• देश भर के 1600 आदिवासी कलाकारों से अधिक और करीब आठ हजार आदिवासी प्रतिनिधियों के इस कार्निवल में हिस्सा लेने की उम्मीद है.
• पंचायत ( अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (पीईएसए)– कार्यान्वयन, आदिवासी समुदाय के लिए इसके लाभ और उनकी खामियां, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006 और उसके निहितार्थ एवं राजनीति और नौकरियों में आरक्षण जैसे मुद्दों पर कार्यशाला भी कार्निवल के हिस्सा होंगे.
• कार्निवल के दौरान होने वाले कार्यक्रमों में लाइव संगीत एवं नृत्य प्रदर्शन, प्रदर्शनियां, शिल्प प्रदर्शन, पैनल चर्चा, पुस्तक मेला आदि होगा.
• राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 1600 आदिवासी कलाकार एवं करीब 8000 आदिवासी प्रतिनिधियों के इस कार्निवल में हिस्सा लिया.

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