गुजरात सरकार ने अपने राज्य के मौजूदा प्रोजेक्ट लायन के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, उनका अनुरोध अनुमोदन के लिए सक्रिय रूप से विचाराधीन है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को प्रोजेक्ट लायन की घोषणा की थी. इसे प्रोजेक्ट हाथी और प्रोजेक्ट टाइगर के आधार पर तैयार किया जाना है.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने 10 अगस्त, 2021 को विश्व शेर दिवस मनाने के लिए राज्य वन विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए, एक वीडियो संबोधन में यह बताया है कि, केंद्र सरकार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये की आवंटन प्रक्रिया पर काम चल रहा है.
महत्त्व
गुजरात के मुख्यमंत्री ने यह बताया है कि, आने वाले वर्षों में प्रोजेक्ट लायन के तहत शेर संरक्षण और प्रजनन के बीच की कड़ी को मजबूत किया जाएगा.
गुजरात का प्रोजेक्ट लायन: आवश्यक विवरण
• प्रोजेक्ट लायन के तहत राज्य सरकार का लक्ष्य 71 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के लिए एक राष्ट्रीय वन्यजीव रोग निदान केंद्र की स्थापना करना है.
• केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में प्रस्तावित योजना के तहत 31.65 करोड़ रुपये के निवेश सहित एक शेर प्रकोष्ठ भी परिकल्पित है.
• अन्य सुविधाओं में सार्वजनिक भागीदारी के साथ सासन गिर में शेर एम्बुलेंस, ट्रैकर्स, बचाव और त्वरित कार्रवाई दल, और वन्यप्राणी मित्र होंगे.
मुख्य विशेषताएं
• इस परियोजना के लिए गुजरात सरकार द्वारा वित्त पोषण प्रस्ताव में आवास और जनसंख्या प्रबंधन के लिए 712 करोड़ रुपये, सिंह मित्र योजना के तहत हितधारकों के तौर पर शामिल समुदायों के लिए 375 करोड़ रुपये की राशि शामिल है.
• अन्य खर्चों में शेर स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए 203 करोड़ रुपये, निगरानी और निरीक्षण के लिए 152 करोड़ रुपये, मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए 120 करोड़ रुपये, और अनुसंधान और सीखने के लिए 74 करोड़ की राशि की मांग शामिल है.
• सूचना सीखने और संचार के लिए 54 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.
• मानव और वन्यजीव संघर्ष के शमन के लिए 22.5 करोड़ रुपये की निधि की परिकल्पना की गई है.
गुजरात में एशियाई शेरों की आबादी में हुई वृद्धि
गुजरात के वन विभाग ने जून, 2020 में सूचित किया था कि एशियाई शेरों की आबादी पिछले पांच वर्षों में 29% बढ़ी है जोकि वर्ष, 2015 में 523 से बढ़कर वर्ष, 2020 में 674 हो गई.
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में शेरों की वितरण सीमा वर्ष, 2015 में 22,000 वर्ग किमी से 36 फीसदी बढ़कर अब 30,000 वर्ग किमी हो गई है.
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