Kartavya Path: केंद्र सरकार एक और अहम बदलाव करने की तैयारी में है. जहाँ सरकार ने हाल ही में नौसेना के ध्वज निशान को बदला था अभी उसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए राजपथ के नाम को भी बदल दिया है. जल्द ही राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' (Kartavya Path) कर दिया जायेगा. ब्रिटिश काल में इस राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था. इसके साथ ही सेंट्रल विस्टा लॉन का भी नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया जायेगा.
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— Ravi Karkara (@ravikarkara) September 5, 2022
After removing St George's Cross from the Indian Navy's ensign, Central Govt to change name of Delhi's Rajpath to #KartavyaPath
Rajpath was a Hindi translation of 'Kingsway', the boulevard's name during British rule, named after King George V @RoyalFamily pic.twitter.com/XPoaiC5Qrx
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने इस सम्बन्ध में कल एक विशेष बैठक बुलाई है. जिसमे नाम बदलने का प्रस्ताव रखा जायेगा. बैठक में इस प्रस्ताव के पास होने की पूरी उम्मीद है. NDMC के प्रस्ताव के जल्द बाद ही केंद्र सरकार इसके सम्बद्ध में प्रेस नोट जारी कर देगा. यह क्षेत्र NDMC के अंतर्गत आता है जो उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है.
किसे कहते है राजपथ?
नई दिल्ली में इंडिया गेट (India Gate) से राष्ट्रपति भवन (रायसीना हिल) तक के पथ को राजपथ के नाम से जाना जाता है. इसी पथ पर प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर भव्य परेड और झांकियां निकाली जाती है. अब इसी पथ को 'कर्तव्य पथ' के नाम से जाना जायेगा. राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा तक के मार्ग को अब 'कर्तव्य पथ' के नाम से जाना जायेगा. ब्रिटिश काल में इस राजपथ को लन्दन में किंग्सवे की तर्ज पर 'किंग्सवे' कहा जाता था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया था.
पहले भी बदले गए है नाम:
केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान वर्ष 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रख दिया था. साथ ही सरकार ने वर्ष 2016 में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास की ओर जाने वाले मार्ग का नाम 'रेस कोर्स रोड' से बदलकर 'लोक कल्याण मार्ग' कर दिया था.
इसी कड़ी में वर्ष 2017 में, डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया गया था साथ ही, तीन मूर्ति चौक को वर्ष 2018 में बदलकर तीन मूर्ति हाइफा (Haifa) चौक कर दिया गया.
PM @narendramodi ji continues to lead from the front in removing all aspects of colonial baggage from public life.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) September 6, 2022
Renaming ‘Rajpath’ as ‘Kartavyapath’ is an important step to keep reminding #NewIndia of its capabilities and erasing colonial legacy. https://t.co/sgk9O2ZN6B
औपनिवेशिक अतीत को समाप्त करने की पहल:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस बात का जिक्र भी किया था कि औपनिवेशिक काल की निशानियों को धीरे-धीरे समाप्त किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2047 में जब भारत आजादी के 100 वर्ष मनायेगा तब औपनिवेशिक काल के चिन्हों से हमारा देश मुक्त रहे.
सरकार के इस फैसले का जहाँ लोगों ने समर्थन किया है वही कांग्रेस ने इस फैसले का मजाक बताया है. लेकिन वहीं कांग्रेसी नेता मिलिंद देवड़ा ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. साथ ही कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.
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