भारतीय जनता पार्टी के दलित नेता रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए. देश के राष्ट्रपति पद हेतु 17 जुलाई 2017 को मतदान किया गया. रामनाथ कोविंद ने 3.34 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की.
उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया. मीरा कुमार को 367314 मत हासिल हुए. रामनाथ कोविंद को 702044 मत मिले. रामनाथ कोविंद को 66 फीसदी वोट मिले. विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 34 फीसदी वोट मिले.
99 फीसदी मतदान-
निर्वाचन अधिकारी मिश्रा के अनुसार वर्ष 2017 में देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव हेतु करीब 99 फीसदी मतदान हुआ. इस चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों के अलावा राज्य विधानसभाओं के सदस्य ही मतदान करने का अधिकार रखते हैं.
इससे पूर्व भी कई बार राष्ट्रपति पद हेतु चुनाव हुए हैं, जिनमें कांटे का मुकाबला हुआ है या फिर काफी भारी अंतर से जीत हुई है. इसी पर एक विस्तृत विवरण-
वर्ष 1957 में प्रथम राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पूर्व ही दूसरे राष्ट्रपति का चुनाव आयोजित कराया गया. इस चुनाव में राजेंद्र प्रसाद को 459698 वोट मिले थे, जबकि विपक्षी उम्मीदवार नारायण दास को 2000 और हरिराम चौधरी को मात्र 2672 वोट ही मिल सके. चुनाव के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद लगातार दूसरी बार देश के राष्ट्रपति बने.
वर्ष 1962 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बाद कार्यकाल के अनुसार तीसरे और व्यक्ति संख्या के अनुसार दूसरे, सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति बने. उन्होंने उस समय चौधरी हरि राम और यमुना प्रसाद त्रिसूला को हराया. राधाकृष्णन को कुल 5,53,067 वोट मिले, वहीं अन्य दोनों उम्मीदवारों को मिलाकर कुल 10,000 वोट ही मिल पाए थे. इस गिनती का आधार 1951 की जनसँख्या थी.
वर्ष 1969 में तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद तत्कालीन उपराष्ट्रपति वीवी गिरी को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया. बाद में आयोजित चुनाव में वीवी गिरी को 4,01,515 वोट मिले. उनके खिलाफ खड़े उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी को 3,13,548 वोट मिले.
वर्ष 1977 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली की अचानक मृत्यु हो गई उसके बाद हुए राष्ट्रपति चुनाव में कुल 37 उम्मीदवार खड़े हुए. 36 का नॉमिनेशन ही रद्द कर दिया गया. और नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति बने. देश में पहली बार कोई निर्विरोध राष्ट्रपति चुना गया.
रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित
वर्ष 1997 में के आर नारायण ने टीएन शेषन को भारी मतों के अंतर से हराया. के आर नारायण को 9,56,290 वोट मिले. जबकि टीएन शेषन को मात्र 50,631 वोट ही मिल पाए थे.
वर्ष 2002 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी काफी बड़े अंतर से जीते. उन्हें 9,22,884 वोट मिले. विपक्षी उम्मीदवार लक्ष्मी सहगल को 1,07,336 वोट ही मिले.
वर्ष 2012 में आयोजित राष्ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी को लगभग 69 प्रतिशत वोट मिले. वहीं वर्ष 2007 में प्रतिभा पाटिल को 67 वोट हासिल हुए.
सोमवार (17 जुलाई 2017) को हुए मतदान में 99.41 प्रतिशत मतदान हुआ. राष्ट्रपति चुनाव में कुल 775 सांसदों और 4120 विधायकों को वोट देना था. राष्ट्रपति चुनाव के मतगणना अधिकारी अनूप मिश्रा के अनुसार चुनाव हेतु देश के कुल 32 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई. इनमें भारतीय संसद, 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बनाए गए मतदान स्थल शामिल थे.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation