आरबीआई ने केवाईसी नियमों में संशोधन किया, यह होगा फायदा

Jan 10, 2020, 13:09 IST

आरबीआई ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की. आरबीआई की अधिसूचना में कहा गया है कि ग्राहक की पहचान सत्यापित करने हेतु सहमति आधारित वैकल्पिक तरीके के रूप में वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) को मान्यता देने का निर्णय लिया है.

RBI introduces video based identification process for KYC in hindi
RBI introduces video based identification process for KYC in hindi

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 09 जनवरी 2019 को केवाईसी (Know Your Customer) नियमों में संशोधन किया है. संशोधन के बाद नया मानदंड, इन वित्तीय संस्थानों को वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) का उपयोग करने की अनुमति देता है. यह कदम बैंकों और ऋण देने वाले संस्थानों को दूर बैठे हुए ग्राहकों की पहचान करने में मदद करेगा.

आरबीआई ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की. आरबीआई की अधिसूचना में कहा गया है कि ग्राहक की पहचान सत्यापित करने हेतु सहमति आधारित वैकल्पिक तरीके के रूप में वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) को मान्यता देने का निर्णय लिया है. इस डिजिटल तकनीक से बैंकों एवं दूसरी रेगुलेटेड संस्थाओं हेतु आरबीआई के केवाईसी नियमों का पालन करना और आसान हो जाएगा.

यह होगा फायदा

आरबीआई के इस संशोधन अब बैंक और दूसरे लोन देने वाले संस्थान वीडियो बेस्ड आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस (V-CIP) काम में लेंगे. इस संशोधन के बाद अब दूर बैठे हुए व्यक्ति की भी वीडियो के जरिए केवाईसी हो सकेगी तथा ग्राहक को जल्द से जल्द सेवाएं दी जा सकेंगी. इस संशोधन से रेगुलेटेड संस्थाओं के कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस में डिजिटल चैनल्स का फायदा मिल सकेगा और ग्राहक को सेवाएं देने में और आसानी होगी.

RBI के नए KYC मानदंड

भारतीय रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार, यदि दूरस्थ स्थान के कारण ऑफ़लाइन सत्यापन संभव नहीं है, तो डिजिटल केवाईसी किया जाए. अधिसूचना के मुताबिक, रेगुलेटेड संस्थानों को केवाईसी (KYC) प्रोसेस के दौरान ग्राहक द्वारा दिखाए गए PAN कार्ड की साफ तस्वीर लेनी होगी. ग्राहक द्वारा e-PAN उपलब्ध कराने की स्थिति में ऐसा नहीं होगा.

आरबीआई ने अपने अधिसूचना में रेगुलेटेड संस्थाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चेहरे की मिलान वाली तकनीक जैसी आधुनिक उपलब्ध तकनीकी की सहायता लेने हेतु प्रोत्साहित किया है. आरबीआई ने आगे कहा कि रेगुलेटेड संस्थाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि वीडियो रिकॉर्डिंग का सुरक्षित तरीके से रखा जाएगा तथा समय और तारीख की मोहर लगाई जाएगी.

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KYC क्या है?

KYC का मतलब ‘नो योर कस्‍टमर’ यानी ‘अपने ग्राहक को जानें’ होता है. यह एक प्रक्रिया है जहां एक वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों की पुष्टि करता है और उनकी पहचान करता है. अपने ग्राहक की पहचान से संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतु केवाईसी विधि का प्रयोग किया जाता है.

भारत सरकार ने व्यक्ति की पहचान लिए 6 प्रकार के दस्तावेजों को केवाईसी के लिए प्रमाणित कर्यालयी दस्तावेज के रुप में विज्ञापित किया है. ये छह दस्तावेज पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड और नरेगा जॉब कार्ड हैं.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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