भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में दृष्टिबाधित लोगों की सहायता हेतु ‘मनी मोबाईल’ ऐप जारी किया है. इस ऐप की मदद से दृष्टिबाधित लोग भी करेंसी नोट का मूल्य जान सकेंगे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने 01 जनवरी 2020 को ‘मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर’ (मनी) ऐप जारी किया.
दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है. आरबीआई ने उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए मनी मोबाइल ऐप लांच किया है. यह ऐप दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में काफी मदद करेगा.
ऐप की खासियत: इस ऐप की खासियत यह है कि एकबार इसे डाउनलोड कर लेने के बाद इसके उपयोग के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी. यह ऐप ऑफलाइन भी काम करता है. इस ऐप की यह भी खासियत है कि इसे आवाज से भी नियंत्रित किया जा सकता है. |
मुख्य बिंदु
• यह ऐप महात्मा गांधी सीरीज के बैंक नोटों की पहचान करने में सक्षम है. यह ऐप नोट के अगले या पिछले भाग तथा किसी हिस्से की पहचान करने में सक्षम है.
• यह ऐप एक बार मोड़कर रखे नोटों की भी पहचान आसानी से कर सकता है. यह ऐप विभिन्न कोणों से तथा विभिन्न रोशनी तीव्रता में भी नोटों की पहचान कर सकेगा.
• यह ऐप नोट की पहचान के बाद आवाज के माध्यम से हिंदी तथा अंग्रेजी में नोट का मूल्य बताएगा.
• आरबीआई ने यह पूरी तरह से स्पष्ट किया कि यह ऐप विशेषताओं के आधार पर नोट के मूल्य की पहचान करेगा, लेकिन असली एवं नकली नोट में फर्क नहीं करेगा.
• आरबीआई के तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय बैंक नोट में कई विशेषता होती है. इसमें मुहर की छपाई, स्पर्श चिह्न, परिवर्तनीय बैंक नोट का आकार, बड़े नंबर, परिवर्तनीय रंग आदि शामिल है.
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ऐप को डाउनलोड करने का तरीका
यह ऐप एंड्राइड प्ले स्टोर और आईओएस ऐप स्टोर से ‘नि:शुल्क’ में डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप को एक बार इंस्टाल करने के बाद इसे इसे इंटरनेट कनेक्शन की जरुरत नहीं रहती. इस ऐप को ऑफलाइन भी उपयोग किया जा सकता है.
यह ऐप मोबाइल के कैमरे के जरिये नोटों को स्कैन करता है. यह हिंदी और अंग्रेजी में ऑडियो इनपुट भी देता है, अर्थात बोलकर बताता है कि नोट कितने रुपये का है.
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