मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 02 जनवरी 2018 को गुजरात के सौराष्ट्र स्थित जामनगर परिसर में विश्व की सबसे बड़ी गैस क्रैकर रिफाइनरी (आरओजीसी) आरंभ की. इसे ‘रिफाइनरी आफ-गैस क्रैकर’ के नाम से जाना जाता है.
यहां स्थापित संयंत्र पेट्रोरसायन बनाने के लिये ईंधन उत्पादन को लेकर रिफाइनरी प्रक्रिया से प्राप्त अवशेष का उपयोग करेंगे. आरओजीसी 11 अरब डालर के पूंजी व्यय का हिस्सा है. कंपनी ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा तथा पेट्रोरसायन परियोजनाओं के विस्तार के तहत इस पूंजी व्यय की घोषणा की थी.
मुख्य बिंदु
• इसके साथ कंपनी ने अरबों डॉलर की विस्तार योजना लगभग पूरी कर ली है. इससे कंपनी की एथेलीन क्षमता दोगुनी हो जाएगी.
• इसके साथ कंपनी दुनिया के शीर्ष पांच पेट्रोरसायन उत्पादकों में शामिल हो गयी है.
• क्रैकर संयंत्र के चालू होने से रिलायंस इंडस्ट्रीज की पांच विनिर्माण इकाइयों की एथेलीन उत्पादन क्षमता लगभग 40 लाख टन सालाना हो जाएगी.
• विश्व भर में 270 एथेलीन संयंत्र हैं जिसकी संयुक्त क्षमता 17 करोड़ टन सालाना से अधिक है.
• आरओजीसी से प्राप्त एथेलीन का उपयोग प्रसंस्करण इकाइयों में मोनो एथोलीन ग्लाइको (एमईजी) तथा पालीथिलिन के उत्पादन में किया जाता है.
• कंपनी जामनगर में सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरी का परिचालन कर रही है जिसकी क्षमता 6 करोड़ टन वार्षिक है.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज़
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड एक भारतीय कंपनी है, जिसका मुख्यालय महाराष्ट्र स्थित मुंबई में है. यह कंपनी पांच प्रमुख क्षेत्रों पेट्रोलियम अन्वेषण और उत्पादन, पेट्रोलियम शोधन और विपणन, पेट्रोकेमिकल्स, खुदरा तथा दूरसंचार में कार्यरत है. रिलायंस की स्थापना 1966 में भारतीय उद्योगपति धीरूभाई अंबानी द्वारा की गयी.
आरआईएल बाजार पूंजीकरण के आधार पर भारत की दूसरी सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप कारोबार करने वाली कंपनी है एवं राजस्व के मामले में यह इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. वर्ष 2002 में, रिलायंस को विशाखापत्तनम के निकट आंध्र प्रदेश के तट पर कृष्णा गोदावरी बेसिन में प्राकृतिक गैस मिली थी. यह 2002-2003 वित्तीय वर्ष में दुनिया में प्राकृतिक गैस की सबसे बड़ी खोज थी.
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