भारतीय रिजर्व बैंक ने अमेजन इंडिया को भारत में डिजिटल वॉलेट शुरू करने का लाइसेंस प्रदान किया है. भारत में डिजिटल पेमेंट के बढ़ते दायरे के दृष्टिगत कंपनी ने इसके लिए आवेदन किया. कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया को देश में प्री-पेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) या मोबाइल वॉलेट ऑपरेट करने हेतु लाइनेंस प्रदान किया गया है.
प्रमुख तथ्य-
- अमेरिकी रिटेल कंपनी अमेजन इंडिया इस सेवा के माध्यम से शॉपिंग के साथ ही साथ ऑफलाइन पेमेंट्स, बस तथा रेल टिकट खरीदने व यूटिलिटी बिल भरने की सुविधा प्रदान करेगी.
- इससे फ्री चार्ज को भी प्रतिस्पर्धा दी जा सकती है.
- फ्लिपकार्ट की सर्विस फोन-पे, यूपीआई आधारित सेवा है. जो मोबाइल फोन यूजर्स को डिजिटल ट्रांजेक्शन की अनुमति प्रदान करती है. कंपनी का लक्ष्य इस परियोजना पर 1.4 बिलियन डॉलर निवेश करने का है.
- अभी तक अमेजन द्वारा क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट अमेजन-पे का उपयोग किया जा रहा है.
- दिसंबर में अमेजन ने डिजिटल पेमेंट्स बूम को देखते हुए अपना पे बैलेंस सर्विस को लॉन्च किया.
- जिसका उपयोग केवल अमेजन पोर्टल पर भी किया जा सकता है.
- आरबीआई के लाइसेंस के बाद अब अमेजन भी पेटीएम, मोबिक्विक जैसे अन्य वॉलेट की तरह उपयोग किया जा सकेगा.
आरबीआई के अनुसार भारत में फिलहाल लगभग 350 मिलियन मोबाइल वॉलेट यूजर्स हैं, जो औसतन 50 रुपए से लेकर 4000 रुपए तक का ट्रांजेक्शन करते हैं.
अमेजन इंडिया के अनुसार कम्पनी का फोकस उपभोक्ताओं को आसान और विश्वसनीय कैशलेस पेमेंट एक्सपीरियंस उपलब्ध कराना है. कम्पनी सरल केवाईसी और ऑथेटिकेशन के साथ कम लिमिट वॉलेट डिस्पेंशन पर विचार कर रही हैं. इससे कस्टमर्स ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट का यूज कर सकते हैं और अमेजन इंडिया भारत कैश लेस इकोनॉमी की ओर योगदान दे सकते हैं.

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