पाकिस्तान और रूस के बीच संयुक्त द्विपक्षीय सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘द्रुझ्बा III’ शुरू हो गया है. इस अभ्यास का आयोजन पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र में किया जा रहा है. यह पाकिस्तान और रूस के बीच सैन्य अभ्यास का तीसरा संस्करण है.
पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि एक संयुक्त द्विपक्षीय सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेने के लिए रूसी सेना की एक टुकड़ी यहां पहुंच गई.
संयुक्त सैन्य अभ्यास:
यह सैन्य अभ्यास 21 अक्टूबर से 04 नवम्बर तक चलेगा. इस सैन्य अभ्यास का आरम्भ वर्ष 2016 में हुआ था. अक्टूबर 2016 में पाकिस्तान और रूस के बीच पहले संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजन किया गया था. इसका आयोजन पाकिस्तान में किया गया था. इस साल के अभ्यास को अभी तक का सबसे आधुनिक माना जा रहा है. वर्ष 2017 में रूस में इस अभ्यास का आयोजन किया गया था.
रूसी और पाकिस्तानी रक्षा बलों की इकाइयां पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पब्बी शहर में राष्ट्रीय आतंकवाद निरोध केन्द्र के प्रशिक्षण रेंज में संयुक्त अभ्यास कर रही है. रूस के दक्षिणी सैन्य जिले के 70 से ज्यादा सैनिक इसमें हिस्सा ले रहे है.
दोनों देशों के सैनिक समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊंचाई पर अभ्यास करेंगे. पाकिस्तानी सेना ने कहा कि तीसरा अभ्यास पाक-रूस द्विपक्षीय प्रशिक्षण सहयोग का हिस्सा है.
सैन्य प्रशिक्षण में सहयोग:
दोनों देश ने रक्षा उद्योग और सैन्य प्रशिक्षण में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए. हथियारों और उपकरण का आयात बढ़ाने एवं सैन्य अभ्यास में संयुक्त भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए.
रूस और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध मज़बूत:
पिछले कुछ वर्षों में रूस और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध मज़बूत हुए हैं. इसका एक प्रमुख कारण पाकिस्तान के साथ अमेरिका का सख्त रवैया भी है. इससे पाकिस्तान का झुकाव चीन और रूस की ओर अधिक हुआ है. पाकिस्तान भी रूस के साथ रक्षा सम्बन्ध मज़बूत करने का इच्छुक है. शीतयुद्ध के दौरान के वैमनस्य के बाद रूस से पाकिस्तान के रक्षा रिश्तों में नई गति आई है और हाल-फिलहाल अमेरिका के साथ उसके रिश्तों में बढ़ती तल्खी ने पाकिस्तान को रूस और चीन के और करीब ला दिया है.
सैन्य अभ्यास का मकसद:
रूस के अनुसार पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास का मकसद आतंकवाद के खिलाफ अनुभवों को साझा करना है. सितंबर 2018 में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत रूस, चीन समेत अन्य सदस्य देशों की सेनाओं के साथ सैन्य अभ्यास किया था.
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