Sardar Patel Death Anniversary: सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि, पढ़ें 10 महत्वपूर्ण बातें

Dec 15, 2021, 12:54 IST

Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary: भारत की आज़ादी की लड़ाई और स्वतंत्रता के बाद समूचे देश को एकजुट करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनका निधन 15 दिसंबर, 1950 को हुआ था, जब वह 75 वर्ष के थे. 

PM Modi pays tribute to Sardar Patel on death anniversary
PM Modi pays tribute to Sardar Patel on death anniversary

Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 71वीं पुण्यतिथि पर 15 दिसंबर 2021 को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि सरदार पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. भारत हमेशा उनकी असाधारण सेवा, उनके प्रशासनिक कौशल और हमारे राष्ट्र को एकजुट करने के अथक प्रयासों के लिए उनका आभारी रहेगा.

भारत की आज़ादी की लड़ाई और स्वतंत्रता के बाद समूचे देश को एकजुट करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनका निधन 15 दिसंबर, 1950 को हुआ था, जब वह 75 वर्ष के थे. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था. किसान परिवार में जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल अपनी कूटनीतिक क्षमताओं के लिए भी याद किए जाते हैं.

सरदार पटेल से संबंधित 10 अहम बातें

  1. सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म गुजरात के नडियाद (ननिहाल) में 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था. उनका पैतृक निवास स्थान गुजरात के खेड़ा के आनंद तालुका में करमसद गांव था.
  2. आज़ाद भारत को एकजुट करने का श्रेय सरदार वल्लभभाई पटेल की सियासी और कूटनीतिक क्षमता को ही दिया जाता है.
  3. सरदार पटेल को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में काफी समय लगा. उन्होंने 22 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की.
  4. उनके पास खुद का मकान भी नहीं था. वे अहमदाबाद में किराए एक मकान में रहते थे. 15 दिसंबर 1950 में मुंबई में जब उनका निधन हुआ, तब उनके बैंक खाते में केवल 260 रुपए मौजूद थे.
  5. भारत की आज़ादी की लड़ाई और स्वतंत्रता के बाद समूचे देश को एकजुट करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है. वर्ष 1991 में भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत 'भारतरत्न' से सम्मानित किया था.
  6. सरदार पटेल ने अपना अहम योगदान 1917 में खेड़ा किसान सत्याग्रह, 1923 में नागपुर झंडा सत्याग्रह, 1924 में बोरसद सत्याग्रह के उपरांत 1928 में बारदोली सत्याग्रह में देकर अपनी राष्ट्रीय पहचान कायम की.
  7. इसी बारदोली सत्याग्रह में उनके सफल नेतृत्व से प्रभावित होकर महात्मा गांधी और वहां के किसानों ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी. सरदार वल्लभभाई पटेल ने पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया था.
  8. उन्होंने ने ही 562 देशी रियासतों का भारत में विलय करवाया था. भारत को एक राष्ट्र बनाने में वल्लभ भाई पटेल की खास भूमिका है. सरदार पटेल के विचार आज भी लाखों लोगों को प्ररित करते हैं.
  9. आर्थिक तंगी ऐसी थी कि स्कूली शिक्षा के बाद पढ़ न सके और किताबें लेकर घर पर ही जिलाधिकारी की परीक्षा की तैयारी में लग गए. उन्होंने इस परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए.
  10. वे इसके बाद 36 साल में इंग्लैंड चले गए और वहां वकालत की पढ़ाई की.
Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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