सऊदी अरब 20 फरवरी 2019 को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के लिए रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 73वां और 7वां ओपेक (तेल निर्यातक देशों का संगठन) देश बन गया है.
समझौते पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद हुए.
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य:
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• इस संगठन का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना है.
• यह सौर ऊर्जा के विकास और उपयोग में तेज़ी लाने की एक नई शुरुआत है ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ी को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त हो सके.
• आईएसए का उद्देश्य सूर्य की बहुतायत ऊर्जा को एकत्रित करने के साथ देशों को एक साथ लाना है.
• इस संगठन का उद्देश्य दुनिया भर को न केवल साफ ऊर्जा उपलब्ध कराना है बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एकजुट होकर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास करना है. |
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में:
• भारत ने भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहल की थी.
• इसकी शुरुआत संयुक्त रूप से पेरिस में 30 नवम्बर 2015 को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान कोप-21 से अलग भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति ने की थी.
• फ्रांस, इस अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के सफल होने के लिए 2022 तक 5600 करोड़ रुपये का फंड देगा जिससे सदस्य देशों में अन्य सोलर प्रोजेक्ट शुरू किये जायेंगे.
• अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक 1 ट्रिलियन वाट (1000 गीगावाट) सौर ऊर्जा उत्पादन का है, जिस पर अनुमानतः 1 ट्रिलियन डॉलर का खर्च आयेगा.
• अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) पहला अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका सचिवालय भारत में है.
• अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है.
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