जियो प्लेटफॉर्म्स और रिलायंस उद्योग/ इंडस्ट्रीज ने 18 जून को सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोष द्वारा 11,367 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की. अब इस घोषित निवेश से जियो प्लेटफॉर्म्स का उद्यम मूल्य 5.16 लाख करोड़ रुपये और इक्विटी मूल्य 4.91 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
सऊदी अरब का पीआईएफ निवेश पूरी तरह से मिश्रित आधार पर जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32% इक्विटी हिस्सेदारी के रूप में बदल जाएगा. यह 22 अप्रैल, 2020 से नौ सप्ताह के भीतर जियो प्लेटफॉर्म्स में ग्यारहवां निवेश है.
सऊदी अरब के निवेश के साथ, जियो प्लेटफॉर्म्स ने सिल्वर लेक, फेसबुक, जनरल अटलांटिक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, केकेआर, मुबाडाला, एडीआईए, एल कैटरटन और टीपीजी सहित प्रमुख वैश्विक निवेशकों से 1,15,693.95 करोड़ रुपये एकत्रित किये हैं.
निवेश के बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बयान
रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि पीआईएफ के निवेश के अलावा, जियो प्लेटफॉर्म्स वैश्विक वित्तीय निवेशकों के बड़े समूह के साथ साझेदारी कर रहे हैं, जो भारत के डिजिटल सोसाइटी विजन की स्थापना में योगदान देंगे.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मुकेश अंबानी ने जियो प्लेटफॉर्म्स में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोष (पीआईएफ) का स्वागत किया. उन्होंने उल्लेख किया कि, कई दशकों से रिलायंस के सऊदी अरब के साथ लंबे और लाभदायक संबंध रहे हैं. एक तेल अर्थव्यवस्था से, यह संबंध अब भारत की नई तेल (डेटा-चालित) अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बढ़ रहा है, जोकि जियो प्लेटफार्मों में पीआईएफ के घोषित निवेश से स्पष्ट है.
श्री अंबानी ने यह भी कहा कि पीआईएफ ने सऊदी अरब के आर्थिक परिवर्तन में जो महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसकी वे बहुत प्रशंसा करते हैं. उन्होंने जियो प्लेटफार्मों में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में पीआईएफ का स्वागत किया और बताया कि वे पीआईएफ के निरंतर समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि 1.3 अरब भारतीयों के जीवन को सशक्त बनाने और समृद्ध करने के लिए ये दोनों ही भारत के डिजिटल परिवर्तन को तेज करने के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठा रहे हैं.
आरआईएल की विज्ञप्ति में आगे यह बताया गया है कि, इस नए निवेश ने भारतीय बाजार की गहरी समझ, भारत की डिजिटल क्षमता, अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों को लाने की क्षमता और कोविड के बाद तीव्र डिजिटलीकरण अवसर के लिए वैश्विक निवेशकों के बीच जियो के निरंतर आकर्षण की पुष्टि की है.
कुल 1,15,693.95 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, यह सबसे बड़ा निरंतर कोष है जो वैश्विक लॉकडाउन के बीच दुनिया में कहीं भी किसी कंपनी द्वारा किया गया है.
यह लेनदेन भारतीय नियामक और अन्य प्रथागत अनुमोदनों के अधीन किया गया है. इस निवेश के लिए मॉर्गन स्टेनली ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के वित्तीय सलाहकार के रूप में और डेविस पोल्क और वार्डवेल और एज़ेडबी और पार्टनर्स ने कानूनी काउंसल के तौर पर काम किया है.
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश के बारे में सऊदी अरब के पीआईएफ का बयान
पीआईएफ के गवर्नर यासिफ अल-रुम्यायन ने इस निवेश पर अपनी टिप्पणी करते हुए कहा कि, भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था की क्षमता बहुत उत्साह वर्द्धक है. वे इस अभिनव व्यवसाय में निवेश पर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं जो भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के परिवर्तन का प्रतीक है.
उन्होंने यह भी कहा कि, यह निवेश उन्हें सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए महत्वपूर्ण दीर्घकालिक वाणिज्यिक रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम बनायेगा, जोकि उस जनादेश के अनुरूप है जो राज्य की संपत्ति की सुरक्षा और वृद्धि करता है.
सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोष (पीआईएफ) के बारे में
यह सऊदी अरब का संप्रभु धन कोष है. सऊदी अरब राज्य की अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के लिए एक जनादेश के तौर पर, इसने भारतीय अर्थव्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा निवेश किया है.
यह दुनिया में सबसे बड़े संप्रभु धन कोषों में से एक है, जिसकी कुल अनुमानित संपत्ति लगभग 400 बिलियन डॉलर है. यह नवीनतम निवेश पीआईएफ की ऐसी कंपनियों और क्षेत्रों में निवेश करने की कार्यनीति के अनुरूप है जोकि विज़न 2030 के विभिन्न उद्देश्यों के हिस्से के तौर पर सऊदी अरब के आर्थिक परिवर्तन के संचालन के लिए लंबी अवधि के वाणिज्यिक रिटर्न उत्पन्न करेंगे.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation