प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) से जुड़ी एक रिसर्च में दावा किया गया है कि जिन लोगों ने पीएमजेडीवाई के तहत खाते खोले थे वे ना सिर्फ पहले से ज्यादा बचत कर रहे हैं बल्कि उन्होंने शराब और तंबाकू का सेवन भी कम कर दिया है. यह बात स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की आर्थिक रिसर्च विंग द्वारा की गई स्टडी में सामने आई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इस वक्त तीस करोड़ से ज्यादा जनधन खाता हैं और इनमें से ज्यादातर नोटबंदी के बाद खोले गए थे. सारे खातों के 75 प्रतिशत जनधन खाते 10 राज्यों में खुले हुए हैं. इसमें सबसे आगे उत्तर प्रदेश है जहां 4.3 करोड़ जनधन खाते खोले गए. इसके बाद बिहार जहां 3.2 करोड़ जनधन खाते खोले गए. इसके बाद पश्चिम बंगाल 2.9 करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर आता है.
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि उसने राज्यों के हिसाब से देखा है कि पीएमजेडीवाई का कहां क्या असर हुआ. यह रिसर्च का एक हिस्सा है, पूरी रिसर्च वर्ष 2018 तक सामने आएगी.
रिसर्च पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाथ में कैश होने की जगह बैंक में पैसा होता है तो लोग कम खर्च करते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जनधन खातों के खुलने से लोगों ने पहले से ज्यादा बचत करना शुरू किया.
प्रधानमंत्री जन धन योजना:
प्रधानमंत्री जन धन योजना भारत में वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन है और जिसका उद्देश्य देश भर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक खाता खोलना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को किया था तथा इसका शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को किया गया. इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने सभी बैंको को इ-मेल भेजा जिसमें उन्होंने 'हर परिवार के लिए बैंक खाता' को एक ‘राष्ट्रीय प्राथमिकता’ घोषित किया और सात करोड़ से भी अधिक परिवारों को इस योजना में प्रवेश देने और उनका खाता खोलने के लिए सभी बैंको को कमर कसने को कहा. योजना के उद्घाटन के दिन ही 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए.

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