खगोलविदों ने तारों के स्थान और गति का निर्धारण करते हुए हमारी आकाशगंगा के कुछ सबसे पुराने तारों की खोज की है. मानव की तरह तारों का भी जीवन चक्र होता है. वह जन्म लेते हैं, जवान होते हैं, बुजुर्ग होते हैं और फिर समाप्त हो जाते हैं.
अमेरिका की जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 'बूढ़े' तारों पर अपना ध्यान केंद्रित किया. इन तारों को कूल सब-ड्वार्फ्स के नाम से भी जाना जाता है. ये सूर्य के मुकाबले ज्यादा उम्र वाले और ठंडे होते हैं.
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मुख्य तथ्य:
• द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में खगोलविदों ने हमारी सौर प्रणाली के पड़ोस में तारों की गणना की कि वहां कितने अल्पवयस्क, जवान और बूढ़े तारे हैं.
• वैज्ञानिकों का लक्ष्य मुख्य रूप से 200 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित तारों पर था जिनके बारे में समझा जाता है कि वे 1,00,000 प्रकाश वर्ष में फैली आकाशगंगा में अपेक्षाकृत निकट हैं. एक साल में प्रकाश द्वारा तय की गई कुल दूरी को एक प्रकाश वर्ष कहा जाता है.
• तारों को देखने के लिए खगोलविद कई सालों तक 0.9 मीटर के टेलीस्कोप का इस्तेमाल करते आए हैं. इस कार्य के लिए वे एस्ट्रोमेट्री नामक तकनीक प्रयोग में लाते थे.
• इसके तहत किसी तारे की स्थिति का पता लगाकर यह देखा जाता था कि वह आकाश में कितनी दूर जाने में सक्षम है. इसके बाद खगोलविदों ने और अध्ययन किया, जिससे हमारे सौर मंडल के पड़ोस में मौजूद 25 फ़ीसदी और बूढ़े तारों के बारे में पता चला.
वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में सबसे पुरानी सर्पिल आकाशगंगा की खोज की
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