होटल, रेस्त्रां के बिलों में सेवा शुल्क लगाना पूरी तरह से ग्राहक पर निर्भर करेगा, इसे अनिवार्य तौर पर नहीं लगाया जा सकता. खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राम विलास पासवान ने यह घोषणा की.
मंत्री ने कहा कि होटल और रेस्तरां सेवाशुल्क नहीं तय करेंगे बल्कि यह ग्राहक के विवेक पर निर्भर करेगा. इन दिशानिर्देशों को अब जरूरी कारवाई के लिये राज्यों को भेजा जायेगा.
खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री ने कहा कि होटल एवं रेस्तरां सेवाशुल्क नहीं तय करेंगे बल्कि यह ग्राहक के विवेक पर निर्भर करेगा.
इन दिशानिर्देशों को अब जरूरी कारवाई के लिये राज्यों को भेजा जायेगा. दिशानिर्देश के अनुसार बिल में सेवाशुल्क भुगतान के हिस्से को खाली छोड़ा जायेगा जिसे ग्राहक द्वारा अंतिम भुगतान से पहले अपनी इच्छा से भरा जायेगा.
फिलहाल नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कड़ी कार्रवाई नहीं की जा सकती है क्योंकि वर्तमान उपभोक्ता सुरक्षा कानून मंत्रालय को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता है. लेकिन नये उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक के अंतर्गत गठित किये जाने वाले प्राधिकार के पास कार्रवाई करने का अधिकार होगा.
दिशानिर्देशों के मुताबिक, अंतिम भुगतान करने से पहले बिल में सेवा शुल्क का कॉलम ग्राहकों को रिक्त छोड़ दिया जाएगा. वर्तमान में उपभोगता सरंक्षण कानून मंत्रालय को मनमानी करने वाले होटलों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही और जुर्माना लगाने के अधिकार नहीं हैं.
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